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February 9, 2025 10:51 pm

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Budget 2025: बोले- ‘क्रेडिट कार्ड लोन सीमा बढ़ाने से…….’ किसानों ने बजट पर जताई नाराजगी…..

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पंजाब के किसान नेताओं ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट किसानों के लिए निराशाजनक है, क्योंकि इसमें फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी नहीं दी गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आठवां बजट पेश किया. सीतारमण ने छह नई कृषि योजनाओं की घोषणा की और सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड लोन की सीमा मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी, जिसका असर 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों पर पड़ेगा.

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि क्रेडिट कार्ड लोन सीमा बढ़ाने से किसानों पर कर्ज का बोझ और बढ़ेगा. कृषि संकट का समाधान किसानों को और अधिक कर्जदार बनाने से नहीं बल्कि कानून बनाकर फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने से होगा. प्रदर्शनकारी किसान एक ऐसे कानून की मांग कर रहे हैं जो कम से कम एमएसपी पर कृषि उपज की बिक्री का कानूनी आश्वासन दे.

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किसानों ने क्या कहा?

उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा पिछले एक साल से एमएसपी को कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में खनौरी और शंभू सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद थी कि सरकार एमएसपी के मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाएगी. कोहाड़ ने आगे पूछा कि सरकार केवल तीन फसलों तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन को बढ़ावा देने की बात क्यों करती है और वह भी चार साल के लिए.

अगर कोई किसान इन तीन फसलों की बुवाई शुरू करता है, तो वह चार साल बाद कहां जाएगा. तुअर, उड़द और मसूर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह साल के दलहन मिशन को 1,000 करोड़ रुपये मिले. इस पहल के तहत नेफेड और एनसीसीएफ औपचारिक समझौतों के माध्यम से पंजीकृत किसानों से चार साल के लिए दालों की खरीद करेंगे.

हम केंद्र सरकार से पूछना चाहते हैं कि अगर वह वाकई देश को दलहन और तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहती है तो वह सभी दलहन और तिलहन फसलों को ‘एमएसपी गारंटी कानून’ के दायरे में क्यों नहीं ला रही है और 4 साल के लिए खरीद की सीमा क्यों लगाई जा रही है. एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता ने कहा कि पिछले साल केंद्र सरकार ने 1,41,000 करोड़ रुपये से अधिक का खाद्य तेल और 31,170 करोड़ रुपये से अधिक की दालें आयात कीं.

किसानों को कर्ज माफी दी जाए

उन्होंने कहा कि अगर खाद्य तेल और दालों के आयात पर खर्च होने वाले 1,72,170 करोड़ रुपये किसानों को दिए जाएं तो ‘एमएसपी गारंटी कानून’ भी संभव हो सकेगा और देश कृषि उत्पादों के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा और फसलों का विविधीकरण भी होगा. उन्होंने दोहराया कि किसानों को कर्ज माफी दी जानी चाहिए और स्वामीनाथन आयोग के सी2 प्लस 50 प्रतिशत फार्मूले के अनुसार एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाया जाना चाहिए, ताकि किसानों को भविष्य में कर्ज लेने की जरूरत न पड़े.

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