संजीव पुरी का मानना है कि महंगाई से मिडिल क्लास की हालत खराब है। अगर टैक्स में राहत के साथ पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाए जाते हैं तो इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
सरकार फुल बजट में टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है। इंडिया इंक ने बजट को लेकर सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। इनमें मिडिल क्लास को टैक्स में राहत देने का सुझाव शामिल है। प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई के प्रेसिडेंट संजीव पुरी का मानना है कि सालाना 20 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स में राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज टैक्स घटाने की भी मांग सरकार से की है। रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा के साथ मीटिंग में पुरी ने अपनी मांग के बारे बताया।
अंतरिम बजट में टैक्स में राहत नहीं
इस साल 1 फरवरी को अंतरिम बजट में सरकार ने इनकम टैक्स में किसी तरह की राहत नहीं दी थी। उससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इनकम टैक्स में राहत जैसे बड़े उपायों के ऐलान जुलाई में पेश होने वाले फुल बजट में किए जा सकते हैं।
मिडिल क्लास को टैक्स में राहत की दरकार
पुरी का मानना है कि महंगाई से मिडिल क्लास की हालत खराब है। अगर टैक्स में राहत के साथ पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाए जाते हैं तो इससे करोड़ों लोगों को फायदा होगा। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा बढ़ाने की भी मांग की।
किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ाई जाए
अभी देश में 9 करोड़ से ज्यादा किसानों को इस स्कीम के तहत हर साल 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। पुरी का मानना है कि सरकार को बजट में इस अमाउंट को बढ़ाकर 8,000 रुपये करना चाहिए। यह स्कीम 2019 में लागू हुई थी। तब से इसका पैसा बढ़ाया नहीं गया है। किसानों के हाथ में ज्यादा पैसे आने से ग्रामीण इलाकों में कंजम्प्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
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40 लाख इनकम पर लगे 30 फीसदी टैक्स
प्रमुख उद्योग चैंबर PHDCCI की डायरेक्ट टैक्सेज कमेटी के चेयरमैन मुकुल बागला ने कहा कि मिडिल क्लास पर अभी 30 फीसदी के रेट से टैक्स लगता है। इससे उनके हाथ में खर्च करने के लिए कम पैसे बचते हैं। उनकी सेविंग्स भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को 40 लाख रुपये से ज्यादा सालाना इनकम वाले लोगों पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। उधर, उद्योग चैंबर FICCI ने कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों को आसान बनाने की मांग की है।