Union Budget 2024: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2024-25 का पहला केंद्रीय बजट पेश किया। मोदी सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है जिसके बाद ये निर्मला सीतारमण का लगातार सातवां बजट है। केंद्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री ने अपने बजट संबोधन में गरीब, महिला, किसान और युवाओं पर फोकस किया है।
‘सिर्फ बेरोजगारी बढ़ी’- अखिलेश यादव
2024 का बजट पेश किए जाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा- “आंकड़ों के हिसाब से बड़ी बड़ी बातें कही गईं… उनके कई भी प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं किए गए। सरकार बचाने के लिए उन्होंने बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा, जो अच्छी बात है। पिछ्ली बार कहा गया था कि मंडी और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए लाखों-करोड़ों रुपए दिए गए, लेकिन इससे किसानों की आय नहीं बढ़ी। उल्टा किसानों के साथ संकट पैदा किया गया।”
उन्होंने आगे कहा- “सत्ता की सरकार ने बेरोजगारी बढ़ाई है। उन्होंने पिछले 10 वर्षों में बेरोजगारी बढ़ा दी है। ये बजट ना उम्मीदी का है। अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब और गरीब।”
RJD नेताओं का धरना
इसी बीच देश के तमाम विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। बजट सत्र 2024 के बीच बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। बिहार में अपराध, कानून व्यवस्था की स्थिति और पुल ढहने के मुद्दे पर महागठबंधन नेताओं ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद में विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान राबड़े देवी ने कहा- “सत्ता की सरकार जनता को ठगने का काम कर रही है… नीतीश कुमार की मांग पूरी नहीं हुई, उन्हें एनडीए (NDA) से हट जाना चाहिए। बिहार में बाढ़ आ रही है, पुल टूट रहे हैं, लोगों के घर डूब रहे हैं, लेकिन इसपर कोई काम नहीं हो रहा है।” केंद्रीय बजट 2024 में बिहार को 26 हजार करोड़ आवंटित किए जाने पर उन्होंने कहा, “ये केवल झुंझुना, है इससे कुछ नहीं होगा।”
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने केंद्रीय बजट पर कहा, “अगर मुख्य बातें सामने आ गईं तो सरकार की पोल खुल जाएगी। सरकार गलत है और दिखावा कर रही है… इस बजट में कुछ भी नहीं है और यह केवल गुमराह करने वाला है।”
बजट से पहले अखिलेश यादव ने कही बड़ी बात
वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संसद जाने से पहले पत्रकारों से बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रया दी। उन्होंने कहा- “पिछले दस सालों में लोगों को महंगाई का कितना सामना करना पड़ा है। लोगों ने महंगाई को महसूस किया होगा। देश में बेरोजगारी का क्या हाल है। कहने को ये पांचवीं अर्थ व्यवस्था है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर देश में बेरोजगार हों तो इसका क्या फायदा। 10 साल में कोई उम्मीद नहीं रही इस साल भी कोई उम्मीद नहीं रहेगी।”