देश में खनिज उत्पादन में तीसरे नंबर पर चल रहे राजस्थान में खनिज खोज और उत्पादन को गति देने के लिए लाई जा रही नई खनन नीति को अंतिम रूप देने के लिए राज्य सरकार ने काम तेज कर दिया है। नई खनन नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर आमजन से मांगे गए प्रस्तावों की भी अंतिम तिथि रविवार को खत्म हो गई।
नई खनन नीति में बदलाव और कुछ नए प्रावधान जोड़ने को लेकर खनन से जुड़े संगठनों ने ज्ञापन सौंपे हैं। इसमें प्रदेश में माइनिंग जोन बनाने और उद्योग का दर्जा देने की मांग रखी है।
राजस्थान सरकार ने हाल ही बजट में नई खनन नीति लाने और एमसेंड नीति में बदलाव कर बढ़ावा देने का एलान किया था। इसको लेकर प्रमुख सचिव खान टी. रविकांत ने एक दिन पहले खान संचालकों और माइनिंग एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से चर्चा की थी।
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प्रमुख सुझाव-
- राजस्व जमाबंदी में माइनिंग क्षेत्र का हो उल्लेख
- रिप्स प्रावधानों का लाभ माइनिंग सेक्टर को भी मिले
- एक्सक्लूसिव माइनिंग जोन बनाया जाए
- वन विभाग से ओवरलेपिंग न हो
- रवन्ना की धरातलीय समस्या का समाधान हो
- अन्य विभागों से बेहतर समन्वय जरूरी
- 2040 तक लीज अवधि बढ़ाने पर ली जाने वाली राशि व्यावहारिक हो
- एमसेंड के लिए एक हेक्टर जमीन के साथ ही किराएदारों को भी यूनिट लगाने की अनुमति मिले
- डिजिटल पोर्टल बनाया जाए.