बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले (Bengaluru Cafe Blast) में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 12 अप्रैल को मुसाबिर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन ताहा को कोलकाता से 180 किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर के दीघा से गिरफ्तार किया था.
फर्जी डॉक्यूमेंट्स जब्त
कोलकाता की कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर बेंगलुरु लाया गया. फिर जांच और पूछताछ के बाद 13 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें हिरासत में भेज दिया. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्र का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में है कि रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के आरोपियों के पास से 35 सिम कार्ड, आधार कार्ड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के ड्राइविंग लाइसेंस मिले हैं. फर्जी डॉक्यूमेंट्स की मदद से आरोपी एक महीने से ज्यादा समय तक जांच एजेंसी से बचते रहे.
Approved Plot in Jaipur @ 3.50 Lakh call 9314188188
नाम-जगह बदलते थे आरोपी
जांच अधिकारियों के मुताबिक दोनों आरोपी लगभग तीन हफ्ते तक पश्चिम बंगाल में छिपे थे. माना जा रहा है कि दीघा के अलावा वे कोलकाता, पुरुलिया और दार्जिलिंग में भी ठहरे थे. आरोपी आमतौर पर कम किराये वाले होटलों में रुकते थे. खासतौर पर ऐसे होटल जहां पकड़े जाने की आशंका कम हो. इस दौरान आरोपियों ने कई बार अपना नाम भी बदला. जांच में ये बात सामने आई है कि कोलकाता के दो होटलों में ठहरने के दौरान शाजिब ने महाराष्ट्र के पालघर के युशा शाहनवाज पटेल नाम से फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया. ताहा ने एक होटल में कर्नाटक के विग्नेश बी डी और दूसरे में अनमोल कुलकर्णी जैसे नकली नामों का सहारा लिया. एक होटल में उन्होंने झारखंड और त्रिपुरा के निवासी संजय अग्रवाल और उदय दास के नाम से चेक इन किया. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों कोलकाता के 4 होटलों में रुके थे.
श्री कृष्ण गोशाला को सहयोग देने वाले भामशाहों का सम्मान समारोह आयोजित
प. बंगाल को ही क्यों चुना?
NIA के सूत्रों के मुताबिक, दोनों अक्सर होटलों में ठहरने के लिए डिजिटल पेमेंट का ही इस्तेमाल करते थे. कोलकाता के होटलों से दोनों के सीसीटीवी फुटेज भी बरामद किए गए हैं. जांच एजेंसी को संदेह है कि पश्चिम बंगाल में आरोपियों का सहयोग किया जा रहा था. इन सहयोगियों को लेकर भी जांच की जा रही है. जांच एजेंसी इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि आरोपियों ने धमाके के बाद छिपने के लिए बंगाल को ही क्यों चुना.
पूरा मामला क्या है?
1 मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट हुआ था. धमाके में 10 लोग घायल हुए थे. एक अंजान शख्स को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट से पहले बैग छोड़कर जाते देखा गया. बस से उतरने के बाद कैफे में घुसकर संदिग्ध ने कूपन लेकर रवा इडली ऑर्डर किया. लेकिन खाई नहीं, बैग रखा और चला गया. इसके थोड़ी देर बाद भयंकर ब्लास्ट हुआ. पूरी घटना कैफे में लगे CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी.
1 thought on “Bengaluru Cafe Blast: 35 सिम कार्ड, 3 राज्यों के ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड…बेंगलुरु ब्लास्ट के आरोपी नाम बदलकर छिपते रहे”