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July 27, 2024 5:02 am

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Baba Ramdev Ji- सुप्रीम कोर्ट ने ‘बाबा रामदेव’ को फिर दी नसीहत: योग के लिए अच्छा काम किया…

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बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद की ओर से भ्रामक विज्ञापन दिए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की योग के प्रति योगदान को लेकर तारीफ भी की। इसके अलावा एक नसीहत भी दी कि उन्हें अपने प्रभाव का इस्तेमाल सही दिशा में करना चाहिए। केस की सुनवाई शुरू होने पर सीनियर वकील बलबीर सिंह ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच से कहा कि पतंजलि ने टीवी चैनलों को लिखा है। इन चैनलों पर अब भी पतंजलि के विज्ञापन चल रहे हैं। इस पर अदालत ने पतंजलि से पूछा कि आखिर उसके पास उन उत्पादों का कितना स्टॉक है, जिन पर रोक लग चुकी है।केस की सुनवाई के दौरान अदालत ने आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव की उस मांग को भी स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने व्यक्तिगत पेशी से छूट की बात कही थी। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, ‘बाबा रामदेव का बहुत प्रभाव है। इसे सही दिशा में इस्तेमाल करें।’ इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाबा रामदेव ने योग के लिए बहुत काम किया है। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि बाबा रामदेव ने योग के लिए जो किया, वह अच्छी बात है। लेकिन पतंजलि के उत्पादों का मामला अलग है। इसके साथ ही बाबा रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले में फैसला रिजर्व रख लिया। अब इस केस की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।

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सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने के बाद भी अपने भ्रामक विज्ञापन जारी रखने को लेकर पतंजलि के मुखिया रामदेव और बालकृष्ण पर अवमानना का केस चल रहा है। अदालत ने कहा कि यह मामला इस चीज का है कि जनता को उत्पादों के बारे में बताया जाए। बेंच ने कहा, ‘लोगों को समझ है और उन्हें अपनी पसंद चुनने का हक है। लेकिन उन्हें पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।’ दरअसल पतंजलि के खिलाफ IMA ने केस दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना, और बीपी जैसी समस्याओं को दूर करने का दावा पतंजलि की दवाओं से किया जा रहा है। खासतौर पर कोरोना ठीक करने के दावे के साथ बिक रही पतंजलि की दवा कोरोनिल पर सवाल उठे थे।इन विज्ञापनों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल ही दिया था। इसका वादा भी पतंजलि ने किया था, लेकिन फिर भी विज्ञापन जारी रहे तो सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस दायर हुआ था। इस पर शीर्ष अदालत ने खूब सुनाया था। इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अखबारों में विज्ञापन देकर माफी मांगी है।

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