ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अपनी पहली रैली को संबोधित करने जा रहे हैं। यह रैली भारत पाकिस्तान सीमा के पास आयोजित की जायेगी। हम आपको बता दें कि भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी लॉन्च पैड्स पर किए गए हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई को राजस्थान के बीकानेर ज़िले के देशनोक शहर में करणी माता मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे। यह उनकी राजस्थान में भारत-पाक सीमा पर पहली और पंजाब के आदमपुर के बाद किसी वायुसेना अड्डे पर दूसरी यात्रा होगी।
हम आपको बता दें कि बीकानेर का नाल हवाई अड्डा जो भारतीय वायुसेना स्टेशन के रूप में भी कार्य करता है, वह हालिया संघर्ष के दौरान निशाने पर था। हालांकि इसे कोई नुकसान नहीं पहुँचा। हम आपको बता दें कि बीकानेर ज़िले की पाकिस्तान के साथ 168 किमी लंबी सीमा है, जबकि देशनोक अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 200 किमी दूर स्थित है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ऑपरेशन सिंदूर के बाद एकजुटता के प्रतीक के रूप में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सैनिकों से भी मिल सकते हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भाजपा के राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राजस्थान सरकार के कुछ मंत्रियों के साथ आज बीकानेर पहुँचे हैं ताकि कार्यक्रम की तैयारियों की निगरानी कर सकें। भाजपा प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने बताया है कि प्रधानमंत्री के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और अर्जुन मेघवाल भी मौजूद रहेंगे।
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हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मई को एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद उत्पन्न राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित एनडीए के शीर्ष नेता हिस्सा ले सकते हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह के भी बैठक में मौजूद रहने की उम्मीद है।
हम आपको बता दें कि भाजपा ऑपरेशन सिंदूर को सशस्त्र बलों की विजय के रूप में प्रस्तुत कर रही है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में अपने सहयोगी मंत्रियों से कहा था कि वे इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाज़ी से बचें और किसी तरह के राजनीतिक विवाद में न उलझें। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने राष्ट्र को संबोधन में सभी राजनीतिक दलों और राष्ट्रीय एकता की बात की थी जो यह संकेत देता है कि भाजपा इस सैन्य कार्रवाई को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहती। सूत्रों ने बताया कि भाजपा अपने सहयोगियों को यह स्पष्ट करना चाहती है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम एक द्विपक्षीय सहमति के तहत हुआ है।
इसके साथ ही भाजपा अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को यह संदेश भी दे रही है कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादियों को निशाना बनाना था, न कि किसी अन्य देश की सेनाओं पर हमला करना। भाजपा के भीतर यह विचार भी है कि भारत को अपनी आर्थिक शक्ति बढ़ानी चाहिए और वैश्विक मंच पर चीन के विकल्प के रूप में उभरना चाहिए, विशेषकर वर्तमान वैश्विक व्यापारिक तनाव के बीच। इसके लिए दीर्घकालिक युद्ध की बजाय सीमित और लक्षित सैन्य कार्रवाई अधिक उपयुक्त है, यही संदेश पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों तक पहुंचाना चाहती है।
