देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पोर्टफोलियो का प्राइस 1.8 ट्रिलियन रुपए बढ़ गया है. भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच जब शेयर मार्केट में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली, तब इसका फायदा LIC को मिला. 7 अप्रैल, 2025 को जब मार्केट अपने हाल के निचले स्तर पर पहुंचा था, तब एलआईसी के पास मौजूद 206-स्टॉक का पोर्टफोलियो प्राइस ₹13.65 लाख करोड़ रुपए था.
मार्केट में सुधार के चलते 16 मई 2025 तक ये पोर्टफोलियो बढ़कर ₹15.43 ट्रिलियन हो गया है, यानी सिर्फ 40 दिनों में LIC को ₹1.78 लाख करोड़ का मार्कट-टू-मार्केट प्रॉफिट हुआ है. डेटा से पता चलता है कि 30 सितंबर, 2024 तक 203 कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी की हिस्सेदारी का प्राइस 16.63 ट्रिलियन रुपए था.
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LIC की इक्विटी होल्डिंग
एलआईसी की इक्विटी होल्डिंग रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के पोर्टफोलियो में सबसे बड़ा योगदान रहा है, जिसके स्टॉक में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी से प्राइस में 26,515 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है. आईटीसी, जिसमें LIC की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (15.52%) है, वहां से ₹5,759 करोड़ की वैल्यू ग्रोथ मिली. मार्च 2025 तिमाही के अंत में एलआईसी के पास फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनी में 15.52 प्रतिशत हिस्सेदारी थी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा
इस बढ़ोतरी का एक बड़ा हिस्सा महिंद्रा एंड महिंद्रा (₹5,801 करोड़), अडानी पोर्ट्स एंड इकोनॉमिक ज़ोन (₹5,192 करोड़), टेक महिंद्रा (₹3,267 करोड़), जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (₹2,472 करोड़), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (₹2,036 करोड़), टाटा मोटर्स (₹1,750 करोड़) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (₹1,268 करोड़) के शेयर प्राइस में 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी से आया है. इन शेयरों ने एलआईसी के कुल प्राइस बढ़ोतरी में 12 प्रतिशत का योगदान दिया है.
अपसाइड ट्रिगर्स
भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौता, भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव में कमी और विदेशी निवेशकों की वापसी. जनवरी से मार्च 2025 तक जहां विदेशी निवेशक (FIIs) भारी बिकवाली कर रहे थे, वहीं अप्रैल में उन्होंने ₹4,243 करोड़ और मई में अब तक ₹27,451 करोड़ की जबरदस्त खरीदारी की है. इससे भारतीय शेयर बाजार में फिर से भरोसा लौटा है और निवेशकों का रुझान लौटा है.
