भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सुरक्षा बढ़ाने के लिए आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के जरिए सर्विस देने वाले ऑपरेटर्स को एक्सेस देने से जुड़े नियमों को लेकर बैंकों को निर्देश जारी किए हैं, जिससे अंगूठा लगाकर पैसा निकालने वालों को बैंकिंग सिस्टम में शामिल करने के नियमों बदलाव किया जाएगा.
आरबीआई ने अधिग्रहण करने वाले बैंक को एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटर (एटीओ) को शामिल करने से पहले सभी एटीओ की उचित जांच-पड़ताल करने को कहा है. यह निर्देश ग्राहक जोड़ते समय अपनाई जाने वाली जांच-पड़ताल के समान है. यदि एटीओ की उचित जांच-पड़ताल पहले ही व्यवसाय उप-एजेंट के रूप में की जा चुकी है, तो उसे बैंक अपने साथ जोड़ सकता है. ये निर्देश अगले साल एक जनवरी से लागू होंगे.
आरबीआई ने कहा कि किसी एटीओ के लगातार तीन महीने तक निष्क्रिय रहने की स्थिति में अधिग्रहण करने वाले बैंक को उसे आगे लेनदेन करने में सक्षम बनाने से पहले उसका केवाईसी सत्यापन करना होगा.
एक्सपर्ट से जानें कौन-से योगासन करें…….’बीपी से लेकर डायबिटीज के मरीज……
धोखाधड़ी से बचने का उपाय
आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि हाल में पहचान की चोरी या ग्राहक पहचान के साथ समझौता करने के कारण एईपीएस के जरिए धोखाधड़ी की खबरें आई हैं. बैंक ग्राहकों को ऐसी धोखाधड़ी से बचाने और प्रणाली की सुरक्षा में भरोसा बनाए रखने के लिए एईपीएस की मजबूती को बढ़ाने की जरूरत है. इसने कहा कि ये निर्देश भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 10(2) के साथ धारा 18 के तहत जारी किए गए हैं. बैंकिंग नियामक ने कहा कि एटीओ के संबंध में परिचालन मापदंडों की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी.
