इजरायल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका भी कूद पड़ा है। रविवार को स्थानीय समयानुसार अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों- फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर हवाई हमले किए। ये तीनों स्थल ईरान के परमाणु ढांचे के महत्वपूर्ण घटक माने जाते हैं, इसलिए इन पर हमले से मध्य पूर्व संघर्ष की स्थिति और बिगड़ती दिख रही है। इस बीच ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों ने वैश्विक नेताओं का ध्यान खींचा है। कई नेताओं ने जहां अमेरिका की आलोचना की है और स्थिति पर चिंता जताई है, वहीं कई उनके साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ईरान पर अमेरिका के हमलों की कड़ी निंदा की। गुटेरेस ने कहा, ‘मैं आज ईरान के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा बल प्रयोग से बहुत चिंतित हूं। यह पहले से ही संकटग्रस्त क्षेत्र में एक खतरनाक वृद्धि है और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक सीधा खतरा है। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कूटनीति है। शांति ही एकमात्र उम्मीद है।’
ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं के बारे में चिंताओं को दोहराते हुए संयम की आवश्यकता पर भी जोर दिया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार के प्रवक्ता के हवाले से कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा रहा है। हम अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कथन पर गौर करते हैं कि अब शांति का समय है। क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति अत्यधिक अस्थिर है। हम तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति का आह्वान करना जारी रखते हैं।’
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न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने भी मध्य पूर्व संघर्ष पर गंभीर चिंता व्यक्त की। पीटर्स ने कहा, ‘हम पिछले 24 घंटों में हुए घटनाक्रमों को स्वीकार करते हैं, जिसमें राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा ईरान में परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी हमलों की घोषणा भी शामिल है। मध्य पूर्व में चल रही सैन्य कार्रवाई बेहद चिंताजनक है, और यह महत्वपूर्ण है कि इसे और अधिक बढ़ने से रोका जाए। न्यूजीलैंड कूटनीति की दिशा में प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता है। हम सभी पक्षों से बातचीत पर लौटने का आग्रह करते हैं। कूटनीति आगे की सैन्य कार्रवाई की तुलना में अधिक स्थायी समाधान प्रदान करेगी।’
क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनेल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए अमेरिकी कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे वैश्विक मानदंडों का उल्लंघन बताया। उन्होंने लिखा, ‘हम ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अमेरिकी बमबारी की कड़ी निंदा करते हैं, जो मध्य पूर्व में संघर्ष को खतरनाक रूप से बढ़ाती है। यह आक्रामकता संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतर्राष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन करती है और मानवता को अपरिवर्तनीय परिणामों वाले संकट में डाल देती है।’
