स्पेशल फोकस ग्रुप में विधवा, अविवाहित महिलाएं, दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, ट्रांसजेंडर्स, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, समाज के अन्य कमजोर व वंचित वर्ग, सफाई कर्मी, पीएम स्वनिधि योजना से लाभांवित स्ट्रीट वेंडर, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी कामगार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, श्रमिक, झुग्गियों में रहने वाले लोग शामिल हैं।
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना और किफायती आवास (एएचपी) योजना में वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा व तीन तलाक व अन्य कारणों से परित्यकता श्रेणी की एकल महिलाओं को 20 हजार रुपये का विशेष अनुदान दिया जाएगा।
चार तरह की योजनाओं का मिलेगा लाभ
- लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र परिवारों को उनकी 30 से 45 वर्गमीटर की भूमि पर नए पक्के आवासों के निर्माण के लिए केंद्रीयत सहायता 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार की सहायता एक लाख रुपये दी जाएगी। इस योजना में 12 माह या उससे कम समय में आवास पूर्ण करने वाले लाभार्थी को 10 हजार रुपये पुरस्कार की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।
- भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) योजना
- भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) योजना में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक/निजी संस्थाएं 30-45 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के किफायती आवासों का निर्माण करेंगी। प्रति आवास इकाई पर 2.50 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
इसमें केंद्र की ओर से 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार एक लाख रुपये सब्सिडी देगी। नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं को 30 वर्ग मीटर कारपेट क्षेत्र तक प्रति आवास एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआइजी) केंद्रांश के रूप में प्रदान किया जाएगा
जिसके सापेक्ष 60:40 के अनुपात में राज्य सरकार 667 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से अनुदान प्रदान करेगी। इस योजना में शहरी स्थानीय निकाय या सार्वजनिक भूमि पर स्थित जीर्णशीर्ण स्थिति वाले स्लम के पुनर्विकास का प्रस्ताव भी बनाया जा सकेगा।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) योजना से शहरी प्रवासियों/बेघर / निराश्रित/औद्योगिक श्रमिकों/कामकाजी महिलाओं/निर्माण श्रमिकों/छात्रों सहित ईडब्ल्यूएस/एलआइजी लाभार्थियों के लिए किफायती किराये के आवास को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस योजना को दो माडल में लागू किया जाएगा। पहला निकायों में वर्तमान सरकारी वित्तपोषित रिक्त आवासों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी या सार्वजनिक एजेंसियों से एआरएच में परिवर्तित करके उनका उपयोग किया जा सकता है।ब्याज सब्सिडी योजना (आइएसएस) योजना
- ब्याज सब्सिडी योजना (आइएसएस) योजना में ईडब्ल्यूएस/एलआइजी और एमआइजी के लाभार्थी 35 लाख रुपये तक के आवास मूल्य के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण लेते हैं, वे 12 वर्ष की अवधि तक पहले 8 लाख के ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी के लिए पात्र होंगे।
शुद्ध वर्तमान मूल्य गणना के आधार पर पात्र लाभार्थियों को पांच वार्षिक किस्तों में अधिकतम 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के तहत ईडब्ल्यूएस/एलआइजी और एमआइजी के लिए आवासों का कारपेट एरिया अधिकतम 120 वर्ग मीटर तक का होगा।
- इतनी आय वाले कर सकेंगे आवेदन
इस योजना के लिए सालाना तीन लाख रुपये की की आय वाले परिवार दुर्बल आय वर्ग में, तीन से छह लाख रुपये की आय वाला परिवार निम्न आय वर्ग में और छह से नौ लाख रुपये तक की आय वाला परिवार मध्यम आय वर्ग में शामिल किया जाएगा। - जिला स्तर पर पात्रों के चयन के लिए कमेटी बनेगी जिसमें जिलाधिकारी या नगर आयुक्त अध्यक्ष होंगे। गैर नगर निगम क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी और नगर निगम के क्षेत्र में अध्यक्ष की ओर से मनोनीत व्यक्ति और परियोजना अधिकारी सदस्य होंगे। आवास पूर्ण होने के पांच वर्ष तक लाक इन समय होगा। लाभार्थी उसे बेच नहीं सकेंगे।अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) योजना