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February 5, 2025 11:18 pm

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जेपी सीमेंट ने नहीं जमा किया 7 करोड़ 82 लाख संपत्तिकर……

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पेंशनभोगी मांग कर रहे हैं कि 7500 रुपए न्यूनतम पेंशन की जाए। लगातार मांग हो रही है, लेकिन सरकार की तरफ से इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

पेंशनभोगी सत्यनारायण हेगड़े का दावा है कि ईपीएफओ हर महीने पीएफ कटौती के लिए 15000 रुपये से 21000 रुपये की वेतन सीमा में संशोधन लाने का प्रयास कर रहा है। पेंशन योजना (ईपीएस) का एकमात्र उद्देश्य नकदी प्रवाह को बढ़ाना है, ताकि सेवा में कर्मचारियों से कर्मचारी पैसे का आनंद लिया जा सके। लेकिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए, यह बिल्कुल भी उपयोगी नहीं है।

कुछ श्रम मंत्री और वित्त मंत्री कर्मचारियों के खून के पीछे हैं। मुझे नहीं लगता कि आगामी बजट में भी, 2015 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने का कोई प्रावधान नहीं होगा।

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उन्होंने कहा-वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछना चाहता हूं कि जब हमारी अपनी मेहनत की कमाई ईपीएफओ खजाने में सड़ रही है, तो हमें बजट अनुमोदन की आवश्यकता क्यों है। यह पीएम और अन्य मंत्रियों की चालाक चाल है।

पेंशनभोगी सनत रावल ने कहा-हम ईपीएस-95 पेंशनभोगी/वरिष्ठ नागरिक (EPS-95 Pensioners/Senior Citizens) चाहते हैं कि न्यूनतम पेंशन 7,500+महंगाई भत्ता+चिकित्सा तथा बैक इफेक्ट एरियर का तुरंत भुगतान किया जाए। 7,500+महंगाई भत्ता+चिकित्सा से कम नहीं। कब ईपीएफओ और सरकार एनएसी की मांग के अनुसार न्यूनतम पेंशन मंजूर करेगी। नौ से दस साल पूरे हो चुके हैं। अब समय आ गया है।

पेंशनर अरुण देबनाथ ने कहा-सपनों का पुलाओ…। घी तो ज्यादा ही डालना चाहिए…। ये नौटंकी चलती रहेगी। 9 हजार, 7.5 हजार, 3 हजार रुपए, छोड़कर आजतक 10 साल पहले 2000 रुपए/का प्रपोजल रिजेक्ट हो गया। फिर भी इन्हें वोट मिलते रहे।

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