विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेतृत्व करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हालिया टिप्पणी को लेकर गठबंधन के सहयोगियों की ओर समर्थन की किया गया है। पहले समाजवादी पार्टी और अब शरद पवार। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर शरद पवार ने कहा कि हां वह गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं वह इस देश की एक प्रमुख नेता हैं।
विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेतृत्व करने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हालिया टिप्पणी को लेकर गठबंधन के सहयोगियों की ओर समर्थन की किया गया है। पहले समाजवादी पार्टी और अब शरद पवार। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर शरद पवार ने कहा कि हां, निश्चित रूप से (वह गठबंधन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं), वह इस देश की एक प्रमुख नेता हैं। उनमें वह क्षमता है। संसद में उनके द्वारा चुने गए नेता जिम्मेदार, कर्तव्यनिष्ठ और जागरूक लोग हैं। इसलिए उन्हें ऐसा कहने का अधिकार है।
ममता ने कही थी ये बात
शुक्रवार को एक समाचार चैनल से बात करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने गठबंधन के नेतृत्व और समन्वय को लेकर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था, अब इसका प्रबंधन करना उन लोगों पर निर्भर है जो इसका नेतृत्व कर रहे हैं। अगर वे इसे नहीं चला सकते, तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं बस यही कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
आइएनडीआइए में और चौड़ी हुई दरार
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में गुजरते वक्त के साथ दरार चौड़ी होती जा रही है। इसके कई घटकों के बीच मतभेद सामने आ रहे हैं और कांग्रेस द्वारा गंभीर आत्मनिरीक्षण की मांग उठ रही है। इसे देखते हुए गठबंधन के भविष्य पर भी सवाल उठने लगा है। अदाणी मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के दौरान सपा और तृणमूल कांग्रेस को अपने अन्य सहयोगियों के साथ नहीं देखा गया। संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह कई मुद्दों पर आइएनडीआइए के घटक दलों के बीच मतभेद हैं।
खासकर हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की करारी हार के बाद अन्य पार्टियां भी गठबंधन के भीतर अपनी ताकत दिखाने लगी हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गठबंधन के ‘नेतृत्व’ पर नाराजगी जताते हुए इसकी अगुआई करने की इच्छा जता दी है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि कमान मिलने पर वह इसे बंगाल से भी चला सकती हैं। ममता का निशाना कांग्रेस पर बताया जा रहा है, जिससे उनकी पार्टी फिलहाल दूरी बनाकर चल रही है।
ममता बोलीं- आइएनडीआइए को मैंने तैयार किया
एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में मुख्यमंत्री ने दावा किया- आइएनडीआइए को मैंने तैयार किया है। अब इसे चलाना उन पर निर्भर है, जो इसका नेतृत्व कर रहे हैं। अगर वे इसे ठीक से नहीं चला पा रहे तो मैं क्या कर सकती हूं? वे लोग मुझे भी पसंद नहीं करते लेकिन मैं सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के संपर्क में हूं और उन सबसे अच्छे संबंध बनाकर चलती हूं।
विपक्षी गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता तय करेंगे कि उनका नेतृत्व कौन करेगा
यह पूछे जाने पर कि वह आइएनडीआइए का नेतृत्व संभालने से क्यों हिचकिचा रही हैं, ममता ने बेबाकी से कहा-गठबंधन का दायित्व मिलने पर मैं बंगाल की बागडोर संभालते हुए इसे बंगाल से भी चला सकती हूं। मैं बंगाल की मिट्टी छोड़कर कहीं नहीं जाना चाहती। मेरा जन्म यहां हुआ है और यहीं अंतिम सांस लूंगी।
सपा के राज्यसभा सदस्य जावेद अली खान ने कहा कि उनकी पार्टी अब भी आइएनडीआइए में है, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि इस गुट के भीतर मतभेद मौजूद हैं। ममता बनर्जी के बयान पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता तय करेंगे कि उनका नेतृत्व कौन करेगा।
कांग्रेस ने की कड़ी आलोचना तो भाजपा ने ली चुटकी
ममता के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। बंगाल कांग्रेस के प्रवक्ता सौम्य राय आइच ने कहा कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां पूरे भारत में भाजपा के खिलाफ लड़ रही हैं, जबकि ममता का भाजपा विरोध सीजनल पालिटिक्स की तरह है। वह कभी आइएनडीआइए में हैं तो कभी नहीं। उनकी पार्टी संसद में अदाणी के खिलाफ कुछ नहीं बोल रही।
ममता भाजपा के खिलाफ चुप रहेंगी और आइएनडीआइए का नेतृत्व भी करना चाहेंगी, ये दोनों चीजें एक साथ नहीं हो सकतीं।वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि 80 से ज्यादा बार रिलांच होने के बावजूद राहुल व प्रियंका गांधी वाड्रा को अगर उनके गठबंधन के नेता ही गंभीरता से नहीं लेते तो देश की जनता कैसे लेगी? जो लोग एक-दूसरे की राजनीतिक जमीन कमजोर करने में लगे हैं, वे जनता की सेवा नहीं कर सकते। पीएम मोदी हमेशा यही कहते रहे हैं कि यह गठबंधन अहंकारी है, जिसमें लोग एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। चुनाव के बाद गठबंधन टूट जाता है और इसके सदस्य आपस में ही लड़ने लगते हैं।
जनवरी में तृणमूल का विशेष अधिवेशन
इस बीच, सूत्रों के हवाले से खबर है कि ममता तृणमूल में व्याप्त अंतर्द्वंद्व को देखते हुए जनवरी में पार्टी का विशेष अधिवेशन बुलाने की तैयारी कर रही हैं। इसमें पार्टी के समस्त सांसद, मंत्री-विधायक, नगर निकायों व पंचायतों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। अधिवेशन में ममता अंतर्द्वंद्व पर लगाम लगाने के लिए कई बड़े फैसले ले सकती हैं। बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कार्यसूची की भी घोषणा की जा सकती है।