नई दिल्ली. ट्रेनों में सफर करने वालों की सबसे बड़ी शिकायत खाने की गुणवत्ता को लेकर होती है. इसमें शताब्दी, राजधानी, तेजस जैसी प्रीमियम ट्रेनों के यात्री सबसे ज्यादा शामिल होते हैं. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) से इसकी शिकायत भी लगातार होती रहती हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए आईआरसीटीसी किचन को लेकर बड़ा बदलाव करने जा रहा है. पहली बार किचेन पर लगे सीसीटीवी को एआई से लिंक किया जा रहा है.
आईआरसीटीसी के सीएमडी संजय जैन के अनुसार आईआरसीटीसी शताब्दी, राजधानी, तेजस, वंदेभारत, दूरंतो समेत तमाम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में रोजाना 16 लाख मील की सप्लाई करता है. बेहतर गुणवत्ता के लिए पिछले तीन माह में 100 बेस किचेन बनाई गयी हैं. इसके साथ ही और नई किचेन बनाई जा रही हैं, जो जल्द शुरू हो जाएंगी. इसके बाद और अधिक ट्रेनों में आईआरसीटीसी द्वारा खाना सप्लाई किया जा सकेगा.
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पहली बार इस्तेमाल होगी एआई तकनीक
आईआरसीटीसी किचन में अभी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और इनसे किचन को मोनिटर भी किया जाता है. गुणवत्ता और सुधारने के लिए जल्द ही इनको एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगए. देशभर के सारे किचन को एआई से लिंक किया जाएगा.
एआई से यह फायदा
आईआरसीटीसी ने खाने की बेहतर गुणवत्ता के लिए किचन संबंधित सभी कामों का मानक तय कर रखा है. मसलन रोजाना दिन में कितने बार किचन की सफाई होनी है, कितने बार स्प्रे होना है, कितना तापमान रखना चाहिए, काक्रोच आदि नहीं होना चाहिए, किचन कर्मियों का अप्रेन, ग्लव्स पहनना चाहिए, बर्तनों की धुलाई कितनी देर में करनी चाहिए. इन सभी को मोनिटर करने के लिए एआई तकनीक को सीसीटीवी से लिंक किया जाएगा.
लापरवाही बरतने पर देगा सूचना
अगर कोई किसी भी मानक को पूरा नहीं किया जाएगा तो एआई तुरंत इसकी सूचना देगा, जिससे जिम्मेदार अधिकारी तत्काल उस पर एक्शन लेगा. इस तरह रियल टाइम मोनिटरिंग की जाएगी. तय मानक के अनुसार किचन में काम होने से गुणवत्ता में सुधार होगा.