भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को अपने लौह मित्र चीन के नजदीक आने से रोकने के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल एक रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका की तरफ से बजट में इस्लामाबाद के लिए 100 मिलियन डॉलर के आवंटन की मांग की गई है.बता दें कि अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कांग्रेस के एक पैनल को इस बात की जानकारी दी कि यह एक बहुत बड़ी धनराशि है जो इस्लामाबाद के लोकतंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ आतंकवाद से लड़ने में मदद करेगी. इतना ही नहीं देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा.
विदेश मंत्री डोनाल्ड लू का बयान
विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने बीते दिन यानी मंगलवार को सदन की विदेश मामलों की समिति के लिए लिखित बजट का अनुरोध प्रस्तुत करते हुए अपनी रखी और कहा कि पाकिस्तान में दशकों से आर्थिक संकट तथा आतंकवाद बना हुआ है. इसमें अचानक लगातार वृद्धि की वजह से उत्पन्न दोहरी चुनौतियों को देखते हुए संघर्ष कर रहा है. लू ने आगे कहा कि “राष्ट्रपति का बजट हमारे 101 मिलियन डॉलर के पाकिस्तान बजट को सीधे-सीधे लागू करने का अनुरोध करता है. इस पैसे का इस्तेमाल लोकतंत्र और नागरिक समाज को मजबूत करने के साथ आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद से लड़ने में मदद करेगी.
चीन अतीत है और हम भविष्य- लू
मंत्री डोनाल्ड लू का कहना है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करने के लिए आर्थिक सुधारों और ऋण प्रबंधन का समर्थन करने के लिए ये अहम कदम उठाया जाएगा. लू ने आगे बताया कि अमेरिका इस्लामाबाद को बीजिंग पर “अधिक निर्भरता” बढ़ाने से रोकना चाहता है. विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि निवेश के मामले में “चीन अतीत है और हम भविष्य हैं.” जानकारी दें कि अमेरिकी एजेंसियों के साल 2023 के आंकड़ों को देखते हुए 70.3 बिलियन डॉलर के पोर्टफोलियो के साथ पाकिस्तान दुनिया भर में चीनी विकास वित्त का तीसरा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता है.