रिकॉर्ड डिविडेंड के बाद अब रिजर्व बैंक ने एक और बिग बोल्ड फैसला लिया है। RBI ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना देश में मंगवाया है। इस पर पूरा अपडेट बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि RBI का गोल्ड पर बोल्ड फैसला सामने आया है। सोने की बड़ी मात्रा अब देश के अंदर ही रखी जाएगी। विदेश में रखा सोना भारत लाया जाएगा। 100 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड से लाया गया है। जल्द ही बैंक ऑफ इंग्लैंड से 100 टन सोना और आएगा।ज्यादातर देश लंदन में ही सोना रखते हैं। इंग्लैंड से 100 टन सोना एक विशेष विमान से भारत लाया गया है
गौरतलब है कि बैंक ऑफ इंग्लैंड में दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व है। ज्यादातर देश लंदन में ही सोना रखते हैं। इंग्लैंड से 100 टन सोना एक विशेष विमान से भारत लाया गया है। अब सवाल ये है कि भारत का सोना लंदन में क्यों? 1991 में नरसिम्हा राव सरकार ने सोना गिरवी रखा था।
1991 में उपजे आर्थिक संकट के निपटने के लिए सोना गिरवी रखा गया था। डॉलर जुटाने के लिए सोना विदेशी बैंकों के पास रखा गया था।
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जुलाई, 1991 में कॉन्ग्रेस की नरसिंह राव वाली सरकार ने डॉलर जुटाने के लिए सोना विदेशी बैंकों के पास गिरवीं रखा था। जुलाई 1991 में नरसिंह राव सरकार ने 46.91 टन सोना इंग्लैंड की बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवीं रखा था ताकि 400 मिलियन डॉलर जुटाए जा सकें। सोना गिरवीं रखे जाने से पहले भारत ने सोना बेचा भी था। मई 1991 में भारत ने स्विट्ज़रलैंड की UBS बैंक को सोना बेचा था, इसके जरिए सरकार ने 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। बताया गया कि यह वह सोना था जो कि तस्करों से पकड़ा गया था और देश की बैकों के पास जमा था। रिपोर्ट बताती हैं कि इस दौरान 20 टन सोना बेचा गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक रिजर्व बैंक के पास वर्तमान में 822 टन सोना है। इसमें से 100.3 टन सोना भारत में रखा गया है जबकि 413.8 टन अभी विदेशों में रखा हुआ है। इसके अलावा 308 टन सोना भारत में नोट जारी करने के लिए रखा गया है।
