जयपुर: डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंगकर्मियों और अन्य मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति के संदर्भ में जारी एक आदेश ने आमजन को भ्रम में डाल दिया है। सीएमएचओ जयपुर (द्वितीय) की ओर से जारी आदेश सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस आदेश के बाद लोग यह मान बैठे हैं कि सरकारी अस्पतालों में अब सुबह साढ़े 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक डॉक्टर उपस्थित रहेंगे जबकि ऐसा नहीं है। चिकित्सा अधिकारियों और कार्मिकों की उपस्थिति का जो आदेश जारी हुआ है। वह केवल कार्यालयों में तैनात डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों और अन्य स्टाफ के लिए है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को देखने के समय से इस आदेश का कोई लेना देना नहीं है।
क्या आदेश जारी किए सीएमएचओ ने
सीएमएचओ जयपुर (द्वितीय) ने गुरुवार 25 जनवरी को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के मुताबिक समस्त अधिकारियों, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहना होगा। लंच टाइम दोपहर डेढ़ बजे से दो बजे तक है। इसके अतिरिक्त कोई भी अधिकारी और कर्मचारी शाम 6 बजे से पहले कार्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। यह आदेश चिकित्सा सेवाओं से जुड़े कार्यालयों में तैनात डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के लिए है लेकिन अधिकतर लोग इस आदेश को अस्पतालों का समय परिवर्तन बताकर प्रचारित कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रहे इस आदेश से आमजन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
पूर्व की भांति रहेगा आउटडोर का समय
सरकारी अस्पतालों में आउटडोर के समय में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। आउटडोर में मरीजों को देखने (परामर्श) का समय गर्मियों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और सर्दियों में सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित है। इसी निर्धारित समय में मरीज डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे और जांच के साथ दवाएं लिखा सकेंगे। इमरजेंसी सेवाएं अस्पतालों में 24 घंटे संचालित है। साथ ही अस्पतालों में भर्ती मरीजों की देखभाल का समय भी पूर्व की भांति ही है। उपस्थिति को लेकर जारी हुए नए आदेश से अस्पतालों के समय पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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फिर क्यों निकालना पड़ा यह आदेश
बड़ा सवाल यह है कि सीएमएचओ जयपुर (द्वितीय) को यह आदेश क्यों निकालना पड़ा। दरअसल जिला कलेक्टर की ओर से निरीक्षण के दौरान बीसीएमएचओ कार्यालय में कई बार चिकित्सा अधिकारी और अन्य स्टाफ दोपहर 3 बजे बाद नदारद पाए गए थे। समय से पूर्व कार्यालय छोड़ने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को पाबंद करने के लिए सीएमएचओ की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं
बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य
राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवाओं से जुड़े कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है। चिकित्सा अधिकारियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को कार्यालय पहुंचते ही बायोमेट्रिक हाजरी लगानी होगी। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ कार्यालय के रजिस्टर में भी अपनी उपस्थिति और समय दर्ज करना होगा। साथ ही कार्यालय छोड़ने का समय भी आवागमन पंजिका में इंद्राज करना होगा। सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना कोई भी स्टाफ अगर गैरहाजिर रहा तो उनके खिलाफ रहा तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।