एसडीएम कोर्ट, जयपुर शहर-उत्तर ने बुजुर्ग पिता के भरण-पोषण से जुड़े मामले में शास्त्री नगर निवासी, चारों बेटों मनमोहन, चन्द्रमोहन, हरिमोहन व रवि मोहन काे पाबंद किया है कि वे उम्रभर अपने पिता को तीनों समय पाैष्टिक भोजन करवाएंगे। इसके अलावा प्रत्येक बेटा हर माह 500 रुपए अपने पिता को खर्च के लिए भी दें और पिता की चिकित्सकीय सेवा व जरूरतों को देखते हुए उसे यह सेवाएं भी देंगे। कोर्ट ने प्रार्थी पिता को भी पाबंद किया है कि वह शराब पीकर घर में किसी तरह का गलत आचरण नहीं करेंगे।
पिता ने कहा- मैंने मेहनत मजदूरी कर बेटों को पढ़ाया
कोर्ट ने यह आदेश वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम के तहत गोपाल लाल के प्रार्थना पत्र पर दिया। पिता की ओर से कहा कि उसने मेहनत-मजदूरी करके अपने बेटों को पढ़ाया व उन्हें रोजगार के काबिल बनाया और उनकी शादियां कीं, लेकिन अब वे अपने दायित्व का निर्वाह नहीं करते हुए उसका भरण-पोषण नहीं कर रहे हैं और उससे मारपीट करते हैं।
उन्होंने उसकी जमां पूंजी भी हड़प ली है और अब उसके पास आय का कोई साधन नहीं है। इसलिए उसे बेटों से भरण-पोषण राशि दिलवाई जाए और उसके मकान से उनका कब्जा हटाकर उसको संभलाया जाए। जवाब में बेटों ने कहा कि पिता शराब पीकर घर में हुडदंग मचाते हैं और उन्हें जो वृद्धावस्था पेंशन मिलती है उसे भी वे शराब पीकर खर्च कर देते हैं। उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं, वे पिता का खाने-पीने सहित चिकित्सा व अन्य खर्चे उठाने के लिए तैयार हैं।