Yoga Tips for Glowing Skin : योग और मुद्राओं का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है. योग मुद्राओं को करके हम अपने जीवन की किसी भी समस्या को हल कर सकते हैं. बड़ी-बड़ी कंपनियों की दवाओं और उपायों से जो काम नहीं हो सकते, वो सब हम इन मुद्राओं से महज कुछ मिनट में ही कर सकते हैं. योग मुद्रा धर्म और विज्ञान का ही अंश हैं. वैदिक युगों से देवी देवता और ऋषि मुनि इन योग मुद्राओं का प्रयोग करते आ रहे हैं.आज हम आपको ऐसी मुद्रा के बारे में बता रहे हैं जिससे गर्मियों ना सिर्फ पानी की कमी पूरी होगी बल्कि स्किन पर टेनिंग और गर्मी से उत्पन्न अन्य समस्या भी समाप्त होंगी.आइये जानते हैं वरुण मुद्रा के बारे में.
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वरुण मुद्रा कैसे करें :
हमारी हथेली में अग्नि तत्व का प्रतीक अंगूठे का छोर एवं जल तत्व की प्रतीक कनिष्का उंगली के छोर को आपस में इस तरह मिला लें जिससे वह बिना दबाब एकदूसरे को छू सकें. अब बची हुई तीन उंगलियां को आसमान की तरफ ऊपर करके बिना किसी दबाव के आपस में जोड़ लेना चाहिए.ऐसा कम से कम 15 से 20 मिनट तक रोज करना चाहिए.
वरुण मुद्रा के लाभ :
निरंतर रूप से इस मुद्रा का अभ्यास करने पर हमारे शरीर की चमड़ी ठंडी एवं मुलायम रहती है. गर्मियों में शरीर में पानी की कमी से होने वाली अनेकों समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस मुद्रा को करने से शरीर एवं चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती है. इस मुद्रा की करने से व्यक्ति को कफ या ब्लड से होने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है. समय-समय पर शरीर में होने वाले दर्द एवं स्किन से संबंधित कोई भी रोग नहीं होता है.
स्किन या आंखों की समस्या के लिये करें :
जल तत्व की कमी की वजह से व्यक्ति को शरीर में अलग-अलग हिस्सों में खुजली होना या गर्मी से आंखों में जलन आंखें लाल हो जाना के अलावा मानस के संकुचन से होने वाले रोग आदि इस मुद्रा को करने से दूर हो जाते हैं. गर्मी में यात्रा करते समय या बाहर निकलने पर चेहरे पर होने वाली टेनिंग भी इस मुद्रा को करने से दूर हो जाती है. यदि किसी व्यक्ति को धूप में चलते समय तेज प्यास और थकान का अनुभव होता है तो इस मुद्रा को करने से तत्काल प्यास और थकान दूर हो जाती है.
बेहोश व्यक्ति के लिये :
यदि कोई व्यक्ति गर्मी अथवा घुटन से मूर्छित अथवा बेहोश हो गया है तो उसकी कनिष्का उंगली एवं अंगूठे के सिरों को आपस में रगड़ने से जल तत्व एक्टिव होकर उसे ठीक कर देता है.यह बहुत ही असरकारक मुद्रा है.
