सनावदिया, 17 अप्रैल। जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डिवेलपमेंट सप्ताह के अंतर्गत श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर, सनावदिया में “सस्टेनेबल डिवेलपमेंट में कला और विज्ञान का योगदान” विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना के साथ हुई।
विद्यालय की प्राचार्या डॉ. कंचन तारे ने पद्मश्री से सम्मानित देश की प्रतिष्ठित समाज सुधारक, जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डिवेलपमेंट की संस्थापक-निदेशक डॉ. जनक पलटा मगिलिगन एवं स्वाहा कंपनी के संस्थापक डॉ. समीर शर्मा का स्वागत करते हुए उनके योगदान को रेखांकित किया।
डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने अपने स्वर्गीय पति श्री जिम्मी मगिलिगन के साथ आदिवासी क्षेत्रों में सस्टेनेबल जीवन शैली के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल डिवेलपमेंट तन, मन और आत्मा के संयम की कला है, जिसमें प्रकृति और विज्ञान के संतुलित उपयोग से विश्व कल्याण संभव है। उन्होंने जैविक जीवनशैली, आयुर्वेद, सोलर कुकिंग और इंजीनियरिंग को दैनिक जीवन में अपनाने पर बल दिया।
कार्यशाला में डॉ. समीर शर्मा ने पृथ्वी संरक्षण के अपने अनुभव बच्चों के साथ साझा किए। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी स्वाहा द्वारा होटल, रेस्टोरेंट और आयोजनों से गीला कचरा एकत्र कर तत्काल गैस में परिवर्तित किया जाता है। उन्होंने ‘शून्य प्लास्टिक उपयोग’ का संकल्प दिलाते हुए अमरनाथ यात्रा के दौरान पहाड़ियों से कचरा एकत्र कर उसे रिसाइकल करने की जानकारी दी।
कार्यशाला में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शैली भागवत ने किया एवं समन्वयक अर्पणा मालवीय ने आभार व्यक्त किया। प्राचार्य डॉ. कंचन तारे ने डॉ. जनक पलटा का आभार जताते हुए उन्हें पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरणास्त्रोत बताया।
