auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 10, 2025 10:19 am

क्या अब मिलेगा ज्यादा ब्याज? निर्मला सीतारमण ने बैंकों से कहा- कुछ नया कीजिए और FD बढ़ाइए……..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने डिपॉजिट ग्रोथ रेट घटने और क्रेडिट ग्रोथ रेट बढ़ने पर चिंता जताई है. उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वो जमा बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाएं. इसके बाद से अनुमान जताया जा रहा है कि अब बैंक ग्राहकों को लुभाने के लिए डिपॉजिट के इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

दरअसल, फिलहाल बैंकों की कुल FDs में 47 फीसदी हिस्सेदारी वरिष्ठ नागरिकों की है. युवाओं का अब FDs से मोहभंग हो गया है और वो शेयर मार्केट या म्यूचुअल फंड्स जैसे ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता रखने वाले निवेश विकल्पों का रुख कर रहे हैं. इसके असर से इक्विटी इंवेस्टर्स की औसत उम्र घटकर 32 साल रह गई जबकि 40 फीसदी निवेशक तो 30 साल से भी कम आयु के हैं.

FD का टैक्स स्ट्रक्चर बदलने का सुझाव

लेकिन बैंक FD की तरफ ग्राहकों को लुभाने के लिए केवल ब्याज दरें बढ़ाने से काम नहीं चलेगा. SBI के इकॉनॉमिस्ट्स ने सुझाव दिया है कि जमा पर लगने वाले टैक्स के स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाए जिससे बैंकों के पास आने वाली बड़ी डिपॉजिट रकम का इस्तेमाल क्रेडिट ग्रोथ में किया जा सकेगा.

Mohsin Khan: बदलने पड़े थे इतने अस्पताल……..’32 साल के मोहसिन खान को पिछले साल आया था हार्ट अटैक……

डिपॉजिट ग्रोथ के बगैर क्रेडिट ग्रोथ के जारी रहने पर भी अर्थशास्त्रियों ने सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में डिपॉजिट्स के लिए बैंकों को ब्याज दरें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ये मामला इसलिए ज्यादा चिंता की वजह बनता जा रहा है क्योंकि बीते एक साल से डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ के बीच खाई लगातार गहरी होती जा रही है.

26 महीनों से डिपॉजिट ग्रोथ धीमी

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बैंकिंग सिस्टम लगातार 26वें महीने धीमी डिपॉजिट ग्रोथ की हालत में है. ऐतिहासिक रूप से देखें तो डिपॉजिट ग्रोथ के क्रेडिट ग्रोथ से कम रहने के मामले 2-4 साल तक चलते रहे हैं. ऐसे में इकोनॉमिस्ट्स का मानना है कि पिछले अनुभवों के आधार पर इस सुस्ती का मौजूदा दौर जून 2025 से अक्टूबर 2025 के बीच खत्म हो सकता है. लेकिन इसकी बड़ी वजह क्रेडिट ग्रोथ के धीमे होने की आशंका को बताया जा रहा है. बैंकों से बफर बनाए रखने के लिए बनाए गए लिक्विडिटी संबंधी नए गाइडलाइंस से भी क्रेडिट ग्रोथ में शॉर्ट टर्म में सुस्ती आ सकती है.

3 साल में ज्यादा रही डिपॉजिट ग्रोथ

हालांकि अगर लॉन्ग टर्म के हिसाब से देखा जाए तो बीते 3 साल में डिपॉजिट ग्रोथ क्रेडिट ग्रोथ से ज्यादा रही है. 2021-22 से डिपॉजिट में कुल 61 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है जो क्रेडिट ग्रोथ के 59 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. लेकिन सालाना आधार पर 2022-23 और फिर 2023-24 में क्रेडिट ग्रोथ ने डिपॉजिट ग्रोथ को काफी पीछे छोड़ दिया है जो चिंता की असली वजह है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login