ईरान को लेकर बहुत बड़ा फैसला हो सकता है, क्योंकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने वाले है. इस मुलाकात पर दुनिया की नजर इसलिए भी है, क्योंकि जब-जब नेतन्याहू ट्रंप से मिले हैं. उन्होंने कुछ बहुत बड़ा किया है, तो इस बार नेतन्याहू क्या करने वाले हैं… कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान और खामेनेई को लेकर बड़ा फैसला किया जा सकता है.
इस मुलाकात से पहले ही नेतन्याहू ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. ईरान से पहले उसके प्रॉक्सी हूती पर बहुत बड़ी एयरस्ट्राइक की गई है. इस एयरस्ट्राइक में यमन में बड़ी तबाही मची है, ऐसी तबाही जिसकी हूती विद्रोहियों ने कल्पना नहीं की थी. कहा जा रहा है ये तबाही तूफान से पहले का छोटा ट्रेलर हो सकती है.
इजराइल ने यमन पर किया बड़ा हमला
इजराइल ने लाल सागर में यमन की तीन बंदरगाहों पर बहुत बड़ा हमला किया है. हमले में हूती के तीनों बंदरगाहों पर बड़ी तबाही मची है और कई जहाजों में आग लग गई है. खबरों के मुताबिक इजराइली हमले में 500 से ज्यादा कंटनेर और 50 से ज्यादा बोट खाक हो गए हैं.
होदेइदाह बंदरगाह पर सबसे ज्यादा बर्बादी
इजराइल के इस हमले का केद्र होदेइदाह बंदरगाह रही है. जिसमें हमले के बाद भारी तबाही मची है. इस कार्रवाई में हूती के 60 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया था और इस हमले को अंजाम देने में F-35 समेत कई विमानों शामिल थे.
फिलिस्तीन को समर्थन जारी रहेगा
समूह के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल सारी ने यह भी साफ किया कि यमनी सशस्त्र बल ‘हमारे लोगों और हमारे राष्ट्र के स्वतंत्र लोगों को आश्वस्त करते हैं कि वे उच्च स्तर की तत्परता पर हैं और यह कि इजराइली हमले उन पर या उनकी सैन्य क्षमताओं को प्रभावित नहीं करेंगे.
उन्होंने जोर देकर कहा कि गाजा और फिलिस्तीन के लिए सहायता अभियान तेज गति से जारी रहेंगे और हम अपने देश और अपने राष्ट्र की रक्षा पूरी ताकत से करेंगे, अगर ईश्वर चाहेगा.
