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November 12, 2025 9:06 pm

क्या है पुतिन का प्लान…….’यूरोप का नक्शा बदलने की कोशिश, मध्य पूर्व में बढ़ा रहे प्रभाव…..

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व्लादिमीर पुतिन यूरोप का नक्शा बदलने की कोशिश में लगे हैं. वो मिडिल ईस्ट में भी अपना दखल बढ़ा रहे हैं. रूस इस हफ्ते अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है. जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर क्या है पुतिन का प्लान जिसके ज़रिए वो अमेरिका और यूरोप को शिकस्त देने की कोशिश कर रहे हैं.

ईरान-इजरायल जंग में जो दो शख्स सबसे ताकतवर बन कर उभरे हैं… उनमें से एक हैं ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्लाह खामेनेई और दूसरा शख्स ईरान से हज़ारों किलोमीटर दूर बैठे सब देख रहा थे, वो थे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. जिन्होंने मिडिल ईस्ट में हुए तनाव का इस्तेमाल अपना कद बढ़ाने के लिए किया है. पुतिन जो इजराइल हमास के बीच मध्यस्थता का ऑफर दे चुके थे. ईरान और इजराइल के बीच भी एक बड़े मध्यस्थ के तौर पर सामने आना चाहते हैं.

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पुतिन ने ईरान पर अमेरिका के हमले को इस्तेमाल करके मिडिल ईस्ट में ट्रंप को और कमजोर करने की तरफ कदम बढ़ाए हैं. व्लादिमीर पुतिन ने ईरान की मिसाइल और इजराइल के हवाई हमलों के बीच बैलेंस करते हुए खुद को अमेरिका और ट्रंप से बढ़ कर पेश कर दिया है. अब यही पुतिन खामेनेई के हाथ और मज़बूत करते हुए नजर आ रहे हैं. ताकि अमेरिका मिडिल ईस्ट से पूरी तरह बाहर हो जाए.

यूक्रेन में आक्रामक युद्ध रुख

अपने दूसरे मोर्चे में भी पुतिन और आक्रामक हो गए हैं. कीव समेत यूक्रेन के कई बड़े शहरों, प्रांतों और इलाकों में रूस का हमला तेज हो गया है. ऐसा लग रहा है कि पुतिन अब यूक्रेन के और भी इलाकों पर अपना दावा मजबूत करने की कोशिश करेंगे. रूस ने लुहांस्क इलाके पर अपना कब्ज़ा होने की बात कहनी शुरू कर दी है. अगर रूस सच में लुहांस्क को पूरी तरह अपने कब्ज़े में ले लेता है तो यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद ये पहला ऐसा इलाका होगा जो पूरी तरह से पुतिन के कंट्रोल में आ जाएगा.

इसके बाद पुतिन यूक्रेन युद्ध में ना सिर्फ यूक्रेन, बल्कि अमेरिका-यूरोप समेत पूरे नाटो को धीरे धीरे कमजोर करने में कामयाब हो जाएंगे. शुक्रवार को ट्रंप से एक घंटे तक तक चली फोन कॉल में भी पुतिन ने यही कहा जब तक वो यूक्रेन में अपना मकसद पूरा नहीं कर लेंगे… रुकेंगे नहीं.

ईरान के साथ मिल बढ़ा रहे प्रभाव

एक बार फिर ईरान इजराइल की तरफ लौटते हैं और करीब से समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे पुतिन ने ईरान को अपनी तरफ खींच कर मिडिल ईस्ट में अपना दखल बढ़ा दिया है. असल में रूस और ईरान की दोस्ती पिछले 3 साल में और गहरी हुई है. जब यूक्रेन युद्ध के वक्त रूस को हथियारों की जरूरत थी, तो ईरान ने ना सिर्फ पुतिन को शहीद ड्रोन दिए बल्कि उन्हें बनाने की तकनीक भी दे दी.

इस जंग में शहीद ड्रोन बेहद अहम हथियार साबित हुए हैं. शुक्रवार को यूक्रेन पर हुए ज़बरदस्त हमलों में 330 से ज़्यादा शहीद ड्रोन शामिल थे और एक बैलिस्टिक मिसाइल Kh-47 M2 ‘Kinzhal’ भी थी. जब अमेरिका ने बी-2 बॉम्बर्स से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया तो पुतिन ने इसे बिना उकसावे की कार्रवाई कहा. युद्ध खत्म होते ही ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची मॉस्को में पुतिन से मिले. ये इस बात की तरफ साफ इशारा था कि अमेरिका के खिलाफ ईरान और रूस अब एक साथ हैं.

ईरान की मिसाइल तकनीक ने भी इजराइल युद्ध में पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा. पुतिन के लिए ये बेहद अहम हथियार हो सकते हैं. जबकि ईरान और रूस हथियार से लेकर तेल तक, अमेरिका और उसके अरब साथियों के खिलाफ एक मजबूत मंच बनाना चाहते हैं.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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