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July 5, 2025 10:15 pm

क्या पक रही है खिचड़ी…..’अजरबैजान ने भारत के दुश्मन के साथ की बड़ी डील…..

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पहलगाम घटना के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच जो हवाई संघर्ष शुरू हुआ, वो पूरी दुनिया ने देखा. इस संघर्ष को ईरान-इजराइल, रूस-यूक्रेन वॉर से भी बड़ा माना गया. इसका कारण भी था. दोनों ही देश न्यूक्लियर पॉवर से लैस हैं. अगर कोई भी देश ऐसे वेपन का इस्तेमाल करता तो तबाही पूरी दुनिया में दिखाई देती.

इस वॉर में पाकिस्तान का साथ देने के लिए अजरबैजान भी साथ में आया था. मौजूदा समय में सीजफायर का माहौल बना हुआ है. वहीं पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच एक बड़ी डील हुई है. ऐसे में समझना जरूरी हो जाता है कि अहजरबैजान ने भारत के दुश्मन ऐसी कौन सी डील की है? आखिर दोनों देशों के बीच कौन सी खिचड़ी पक रही है?

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हुई डील पर साइन

पाकिस्तान और अजरबैजान ने पाकिस्तान की इकोनॉमी के विभिन्न क्षेत्रों में दो अरब डॉलर के निवेश के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के बीच अज़रबैजान द्वारा आयोजित आर्थिक सहयोग संगठन (ईसीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक के बाद हस्ताक्षर किए गए. दस्तावेज़ पर अजरबैजान के खानकेंडी में उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री इशाक डार और अजरबैजान के अर्थव्यवस्था मंत्री मिकायिल जब्बारोव ने हस्ताक्षर किए. इस दौरान अलीयेव और शरीफ भी मौजूद रहे.

भारत के खिलाफ दिया था पाक का साथ

रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, दोनों देशों के बीच निवेश और व्यापार संबंधों को ऐतिहासिक स्तर पर ले जाने के लिए अज़री राष्ट्रपति की पाकिस्तान यात्रा के दौरान विस्तृत समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. अलीयेव की यात्रा की तारीखें अभी तक ज्ञात नहीं हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि यह इस साल होगी. पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच संबंधों में सुधार हुआ है और हाल ही में भारत के साथ हुए संघर्ष में भी पाकिस्तान ने उसका साथ दिया है. सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच पहले से ही रक्षा सहयोग मज़बूत है और अब वे आर्थिक सहयोग के ज़रिए इसे और मज़बूत करना चाहते हैं.

डूब रही है पाकिस्तान की इकोनॉमी

खास बात तो ये है कि पाकिस्तान की इकोनॉमी पर लगातार डेंट पड़ रहे हैं. हाल ही में पाकिस्तान से दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया है. कंपनी को 25 बरस के बाद ये फैसला लेना पड़ा. जिसे जानकार पाकिस्तान की इकोनॉमी के लिए बड़ा खतरा मान कर चल रहे हैं. वहीं दूसरी ओर चीन से लगातार कर्ज लेकर अपने इकोनॉमी को बचाने के प्रयास भी सफल नहीं हो पाएंगे. उसका कारण भी है. हाल ही में पाकिस्तान ने अपने बजट में डिफेंस बजट में करीब 10 फीसदी का इजाफा किया है. अब ओवरऑल बजट में कटौती कर डाली है. ऐसे में विकास कार्यों पर कम खर्च कर कर्ज के पैसों को डिफेंस पर खर्च किया जा रहा है.

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