कोलकाता रेप-मर्डर मामले के बाद पश्चिम बंगाल (West Bengal) सुर्खियों में बना हुआ है. सूबे में छात्रों की तरफ से नबन्रा अभियान की शुरुआत हुई. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) बुधवार को ‘बंगाल बंद’ बुलाया. बीजेपी की तरफ से बुलाए गए बंद के बाद राज्य के अलग-अलग इलाकों में तस्वीरें सामने आईं. मामला के तूल पकड़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस की तरफ से पहले अभिषेक बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया और इसके बाद मुख्यमंत्री ममता का भी बयान आया.
बुधवार को टीएमसी की स्टूडेंट यूनिट तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस भी था. इस मौके पर ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में बीजेपी और उसके टॉप लीडरशिप पर जमकर जुबानी हमला बोला और पार्टी पर कई आरोप लगाए.
ममता के बयान पर भड़के हिमंता बिस्वा सरमा
ममता बनर्जी के बयान के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने उन पर पलटवार किया. CM सरमा सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए. असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश भी मत कीजिए. आपको विभाजनकारी भाषा बोलना शोभा नहीं देता.’
केंद्रीय मंत्री और बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, ‘यह टिप्पणी संवैधानिक पद पर बैठे किसी नेता की नहीं, बल्कि ‘राष्ट्र-विरोधी’ मानसिकता वाले किसी व्यक्ति की लगती है.’
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ओडिशा और मणिपुर CM भी ममता से नाराज
ममता बनर्जी के बयान के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ‘दीदी ने पूर्वोत्तर को धमकाने की हिम्मत कैसे की? मैं इस तरह की गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. उन्हें पूर्वोत्तर और देश के बाकी हिस्सों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. ममता जी को विभाजनकारी राजनीति के जरिए हिंसा और नफरत भड़काना तुरंत बंद करना चाहिए. किसी राजनीतिक नेता के लिए सार्वजनिक मंच पर हिंसा की धमकियां देना बेहद अनुचित है.’
वहीं, ममता के बयान पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, ‘आपको किसने अधिकार दिया ओडिशा के बारे में ऐसे आपत्तिजनक बयान देने का? ओडिशा एक शांतिपूर्ण राज्य है और यहां के लोग जिम्मेदार और जागरूक हैं. ओडिशा के लोग आपके नफरत भरे रवैये, नकारात्मक टिप्पणियों और हमारे राज्य के प्रति असंवेदनशील रवैये को कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे.’
उन्होंने आगे कहा कि जघन्य अपराध की पीड़िता को न्याय दिए बिना, आप जो प्रतिशोधात्मक टिप्पणियां कर रहीं हैं. यह देश के लिए खतरनाक है. कृपया इस तरह के बयानों से दूर रहिए, शांत रहिए.
ममता बनर्जी ने आखिर ऐसा क्या कहा था?
CM ममता बनर्जी ने बीजेपी द्वारा बुलाए गए ‘बंगाल बंद’ पर बोलते हुए पार्टी को चेताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी बंगाल में जो आग लगाना चाहती है, वह दूर तक फैलेगी. ममता ने कहा, ‘अगर बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे. हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे.’
ममता ने कहा, “कुछ लोग सोच रहे हैं कि यह बांग्लादेश है. मुझे बांग्लादेश से प्यार है, उनकी संस्कृति और भोजन हमारे जैसे ही हैं लेकिन बांग्लादेश एक अलग देश है और भारत एक अलग देश है. मोदी बाबू, आप चाहते हैं कि यह आग बंगाल में फैले, तो आपको यह समझना चाहिए कि अगर बंगाल में आग लगी तो असम नहीं बचेगा, बिहार नहीं बचेगा, यह मणिपुर या ओडिशा तक ही सीमित नहीं रहेगा. यह दिल्ली तक भी पहुंचेगा,”
बुधवार के कार्यक्रम में बोलते हुए, ममता बनर्जी ने रेप मामलों में ‘मौत की सजा’ सुनिश्चित करने के लिए विधानसभा के जरिए एक कानून लाने की भी कसम खाई. वहीं, टीएमसी नेता और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए एंटी-रेप कानून के लिए संसद में एक निजी सदस्य विधेयक पेश करने का वादा किया.
मतता और अभिषेक बनर्जी, दोनों नेताओं ने नबन्ना अभियान (सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन) और बंगाल बंद के लिए बीजेपी पर निशाना साधा और ‘बंगाल में अराजकता फैलाने की साजिश’ रचने का आरोप लगाया. सीएम ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की गुजारिश की.