अब तक राजस्थान में जिन दो बड़े चेहरे को मुख्यमंत्री पद सौंपे जाने की चर्चा थी उनमें से एक को केंद्रीय नेतृत्व महत्व नहीं दे रही है और एक के हालिया ट्वीट ने इन चर्चाओं पर लगभग फुल स्टॉप लगा दिया है.
जयपुर: राजस्थान की सियासत में अभी बस एक ही सवाल गूंज रहा, आखिर अगला मुख्यमंत्री (Rajasthan New CM News) कौन होगा? विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी इसे लेकर लगातार प्लानिंग में जुटी है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक पार्टी दिग्गजों की बैठक-मुलाकातें हो रहीं। यही नहीं सीएम पद की रेस में कई नाम भी सामने आए। इनमें सबसे आगे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बाबा बालकनाथ भी माने जा रहे थे। हालांकि, पिछले दो दिनों के दौरान हुए सियासी घटनाक्रम में ऐसा लग रहा मानो दोनों ही दिग्गज इस रेस से बाहर हो गए हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि दोनों नेताओं के बदले मिजाज से नजर आ रहा। आखिर ऐसा क्या हुआ जो दोनों नेताओं के सीएम रेस से बाहर होने की चर्चा शुरू हो गई, बताते हैं
योगी बालकनाथ सीएम रेस से बाहर!
सबसे पहले बात करते हैं योगी बालकनाथ की, जिन्होंने तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव जीता। जैसे ही बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में परचम लहराया तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह ही राजस्थान में योगी बालकनाथ को सीएम बनाए जाने चर्चा ने जोर पकड़ लिया। हालांकि, खुद बाबा बालकनाथ इस पर सीधे-सीधे बोलने से बचते नजर आए। वहीं अब उन्होंने एक ट्वीट किया है जिससे ये लग रहा कि वो खुद ही सीएम रेस से बाहर हो गए हैं
बाबा के इस ट्वीट से साफ हुई तस्वीर:
योगी बालकनाथ ने ट्वीट में लिखा- ‘पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता-जनार्दन ने पहली बार सांसद और विधायक बना कर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया। चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया और सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजरअंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।’ बाबा बालकनाथ के इस ट्वीट से साफ मैसेज यही मिल रहा कि उन्होंने खुद को सीएम रेस से बाहर कर लिया है। अब बात करते हैं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे कि जो फिर मुख्यमंत्री बनने को लेकर बेहद एक्टिव दिख रही हैं।
क्या वसुंधरा भी नहीं बनेंगी मुख्यमंत्री?
वसुंधरा राजे की दावेदारी इसलिए चर्चा में है क्योंकि उनके समर्थन में लगातार विधायक लामबंद होते नजर आए। नतीजों के बाद से ही वसुंधरा के समर्थन में कई विधायकों ने आवाज बुलंद की। यही नहीं उनके जयपुर आवास पर पिछले दिनों 50 से ज्यादा विधायकों ने पहुंचकर मुलाकात भी की थी। इसी के बाद चर्चा होने लगी कि वसुंधरा का ये शक्ति प्रदर्शन सीएम पोस्ट पर दावेदारी को लेकर है। हालांकि, केंद्रीय आलाकमान ने पूरे घटनाक्रम पर नजर रखा और वसुंधरा को दिल्ली बुलाया। राजे दिल्ली पहुंचीं और गुरुवार रात में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जब वसुंधरा वहां से वापस लौटीं तो मीडिया के सामने कुछ नहीं कहा। हां उनके चेहरे पर मुस्कुराहट, हंसी नजर आ रही थी।
नड्डा संग मुलाकात के बाद उठे सवाल:
वैसे भी कहा जाता है कि राजनीति में बॉडी लैंग्वेज का काफी महत्व होता है। जिस तरह से वसुंधरा राजे की नड्डा संग गुरुवार रात को 70 मिनट से ज्यादा की मुलाकात हुई उसमें मुख्य मुद्दा सीएम पोस्ट का ही था। ऐसा माना जा रहा कि वसुंधरा को मना लिया गया है। यानी अगर मुख्यमंत्री के पद पर कोई नया नाम सामने आ जाए तो बड़ी बात नहीं होगी। जिस तरह से बीजेपी अध्यक्ष संग मुलाकात के बाद वसुंधरा वहां से बाहर आईं उससे चर्चा यही है कि वो भी सीएम रेस से बाहर हो चुकी हैं। हालांकि, ये फाइनल तभी होगा जब सूबे में नए सीएम का नाम सामने आ जाएगा।
नए सीएम की खोज के लिए राजनाथ की एंट्री:
अभी राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की रेस में दीया कुमार, राज्यवर्धन सिंह राठौर के अलावा सीपी जोशी, ओम माथुर, अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल माना जा रहा। फिलहाल इन दिग्गजों में से सीएम की कुर्सी पर किसे मिलेगी ये देखना दिलचस्प होगा। या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सबको चौंकाते हुए कोई नए चेहरे को राजस्थान का जिम्मा सौंपेगे। इसी सियासी घमासान को टालने के लिए ही केंद्रीय नेतृत्व ने दिग्गज नेता राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा है। उनके साथ राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी हैं। अब इन दिग्गजों की फाइनल रिपोर्ट से अगले सीएम के नाम पर मुहर लगने के आसार हैं।