जयपुर: जयपुर वैसे तो सुंदरता के लिए दुनियाभर में एक प्रसिद्ध शहर है. पर यहां लोग घूमने के साथ साथ खाने पीने का सबसे ज्यादा आंनद लेते हैं. जयपुर शहर की एक खास बात ये है कि यहां पूरे भारत के अलग-अलग राज्यों के फेमस फूड भी आसानी से मिल जाते हैं. आप ने रोटियां तो बहुत खाई होंगी पर एक ऐसी अनोखी रोटी जिसकी शुरुआत 40-45 साल पहले मेरठ से हुई और यह अनोखी रोटी अब जयपुर के लोगों को खूब पंसद आती है. यह रोटी वैसे तो त्यौहारों के समय सबसे ज्यादा बनाई जाती है. लेकिन सामान्य दिनों में भी लोग इसे खूब पंसद करते हैं. ऐसे ही जयपुर के रामगंज बाजार में यह अनोखी रोटी सबसे ज्यादा बनती है और डिमांड में भी रहती है. रामगंज बाजार में मेजबान नाम से एक छोटी सी दुकान जो मेरठ से जयपुर इस रोटी के व्यापार के लिए आए है.
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मेरठ से जयपुर आए फेजान सलमानी बताते है कि शीरमाल की अनोखी रोटी की शुरुआत मेरठ, दिल्ली से मानी जाती है. हमारे पिताजी ने इसकी शुरुआत 40 साल पहले की थी और हम भी कई सालों से यह अनोखी रोटी बना रहे हैं. फैजान सलमानी बताते है कि यह रोटी विशेष रूप से मैदा घी, दूध इलायची और ड्रायफ्रूट्स की कतरन से तैयार की जाती है. सबसे पहले मैदे से आटा तैयार किया जाता है फिर सामान्य रोटी की तरह इसे तैयार कर इस पर ड्रायफ्रूट्स की कतरन लगाई जाती है. फिर एक बड़े तंदूर में इसे शैका जाता है और फिर घी लगाकर रोटी पूरी तरह तैयार हो जाती है.
50 रुपए से 120 रुपए तक बिकती है ये रोटी
फेजान सलमानी बताते की यह रोटी जितनी दिखने में सुंदर होती है. उतनी ही खाने में भी लाजवाब होती है. इस अनोखी रोटी में किमत के हिसाब से ड्रायफ्रूट्स की कतरन का उपयोग किया जाता है. यह रोटी 50 रुपए से लेकर 120 रुपए तक बिकती है. जिसमें घी का भी प्रयोग किया जाता है. सामान्य रूप से यह एक ऐसी रोटी है जिसे बिना किसी सब्जी या अन्य आइटम के बिना भी खाया जा सकता है. इसका स्वाद लाजवाब होता है. फेजान सलमानी बताते है कि वैसे तो त्यौहारी सीजन में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा रहती है पर अब लोगों को धीरे धीरे इसका स्वाद अच्छा लगने लगा है तो इसकी डिमांड भी बड़ने लगी है.