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November 26, 2025 5:22 am

यूएई का राजस्थान में ऐतिहासिक निवेश: मिनर्वा एनर्जी के जरिए 60 GW ग्रीन एनर्जी मिशन को हरी झंडी

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यूएई सरकार ने मिनर्वा कंपनी बनाकर राजस्थान में शुरू किया ग्रीन एनर्जी मिशन

60 हजार मेगावाट के अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट के लिए बढ़ाए कदम

ऊर्जा क्षेत्र में अब तक सबसे बड़ा विदेशी निवेश, सोलर, विंड, बैटरी स्टोरेज, बायोमास का होगा बड़ा नेटवर्क

जयपुर. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार ने करीब 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश के लिए राज्य में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। यह निवेश मिनर्वा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के जरिए किया जाएगा। कंपनी राज्य में 60 हजार मेगावाट की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करेगी, जिनमें सोलर, विंड, बैटरी स्टोरेज और बायोमास प्रोजेक्ट शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 1 लाख से सवा लाख हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। यह न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश के ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश बताया जा रहा है।

ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति: यह प्रोजेक्ट राजस्थान की मौजूदा अक्षय ऊर्जा क्षमता से कई गुना बड़ा है। इससे राज्य विश्व स्तर पर सोलर और विंड एनर्जी हब बनेगा।

 

इकोनोमिक डवलपमेंट: प्रोजेक्ट से इंफ्रास्ट्रक्चर, निर्माण, मशीनरी, इंजीनियरिंग और स्थानीय आपूर्ति नेटवर्क को मजबूती मिलेगी।

रोजगार के अवसर: निर्माण, संचालन और रख-रखाव के चलते कई लोगों को रोजगार मिलेगा। तकनीकी संस्थानों को भी इसका लाभ होगा।

वैश्विक पहचान: राजस्थान को ग्रीन एनर्जी डेस्टिनेशन के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे अन्य देशों से भी निवेश आने की संभावना बढ़ेगी।

सामने हैं दो बड़ी चुनौतियां

1. जमीन चयन: इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए एक ही जगह पर्याप्त जमीन मिलना कठिन है। इसलिए संभावना है कि इसे कई जिलों में फेजवाइज विकसित किया जाएगा। इसमें लंबा समय लग सकता है।

2. ट्रांसमिशन नेटवर्क: इतनी बड़ी मात्रा में उत्पादित बिजली की आपूर्ति के लिए नया ट्रांसमिशन नेटवर्क तैयार करना होगा। मौजूदा क्षमता में भी बड़ा विस्तार जरूरी होगा।

भारत और राज्य सरकार से हुआ था समझौता

यूएई के निवेश मंत्री मोहम्मद हसन अल सुवाइदी का भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच अलग-अलग एमओयू पर इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान साइन हुए थे। बताया जा रहा है कि यूएई की यह पहल एक बड़ी रणनीतिक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह भारत के ऊर्जा क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी करना चाहता है।

हमारे लिए इसलिए बड़े अवसर

देश में सबसे ज्यादा रेडिएशन (सौर ऊर्जा) राजस्थान में है। यहां प्रति वर्गमीटर एरिया से हर साल 5.72 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है। जबकि, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक सहित अन्य राज्य हमसे काफी पीछे हैं। यही कारण है कि निवेशकों की नजर राजस्थान की तरफ ज्यादा है।

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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