जयपुर में सामान्य टिकट लेकर दो यात्री ट्रेन के एसी कोच में बैठ गए। आरक्षित सीट पर किसी और को बैठा देख विवाद हो गया। जब टीटी ने टोका तो दो यात्रियों में से एक ने अपने को एमएलए का पुत्र बताया। उसकी टीटी से हाथापाई भी हो गई। टीटी ने दोनों यात्रियों से चालान वसूल कर उन्हें गांधी नगर स्टेशन पर उतार दिया। मामले की शिकायत आरपीएफ व जीआरपी को की गई, लेकिन बाद में मामला रफा-दफा कर दिया गया।
चालान में टीटी ने बताया कि सामान्य टिकट लेकर दो यात्री बांदीकुई स्टेशन से ट्रेन में बैठे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों यात्रियों को आरपीएफ के ही एक जवान ने बैठाया था। टीटी के मना करने के बाद भी दोनों यात्री जबरन बैठ गए। दौसा में उस सीट पर आरक्षित टिकट लेकर अन्य यात्री आ गए। उन्होंने बांदीकुई से बैठे यात्रियों को उठने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने। दोनों पक्षों में विवाद हुआ तो टीटी ने बचाव किया।
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पिता के एमएलए होने की जताई धौंस
टीटी ने सामान्य टिकट वाले दोनों यात्रियों को उठने के लिए कहा तो वे उससे भी उलझ गए। एक ने अपने पिता के एमएलए होने की धौंस जताई। मामला हाथापाई तक पहुंच गया। टीटी ने रेलवे कंट्रोल रूम को मैसेज किया और दोनों यात्रियों का चालान काटकर करीब नौ सौ रुपए वसूले। ट्रेन के गांधी नगर पहुंचने के बाद उन्हें आरपीएफ को सौंप दिया और मामले की लिखित शिकायत दी।
दोनों में एक यात्री सौरभ ने बताया कि गांधी नगर स्टेशन पर कुछ देर बैठाने के बाद हमें छोड़ा गया। उन्होंने भी घटनाक्रम को लेकर ऑनलाइन शिकायत दी है। घटना के तीन दिन बाद भी दोनों शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उधर, आरपीएफ थाने की निरीक्षक छवि शर्मा ने कहा कि मामला जीआरपी थाना देख रहा है। वहीं, जीआरपी थानाधिकारी वीरेन्द्र कुरील ने कहा कि हमारे यहां किसी तरह की शिकायत नहीं है।