भारत पर अमेरिका ने अगस्त के महीने में ही 50 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है. कारण है रूस तेल का आयात. अब अमेरिकी टैरिफ का कहर दूसरी जगह भी टूटने वाला है. उसकी वजह भी सिर्फ रूस ही है. वास्तव में रूसी कच्चे तेल पर प्रतिबंध लगाने वाले यूरोपीय यूनियन पर अमेरिका बड़ा टैरिफ लगा सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार रूस यूक्रेन वॉर के बाद से ईयू की ओर रूसी एलएनजी का इंपोर्ट बढ़ा दिया है. खास बात तो ये है कि इसमें हर साल इजाफा देखने को मिला है. वो भी ऐसे समय पर जब ट्रंप रूस को यूक्रेन से वॉर समाप्त कराने में लगातार नाकाम हो रहे हैं. जिसकी वजह से उन्होंने वॉर को रोकने के लिए उन देशों पर टैरिफ लगाने की बात कही है, जो रूस से प्राकृतिक गैस और कच्चा तेल खरीद रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईयू की ओर से रूस से कितना एलएनजी इंपोर्ट किया जा रहा है.
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चौंकाने वाली रिपोर्ट
फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से यूरोपीय यूनियन का रूस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात बढ़ रहा है, जबकि यूरोपीय यूनियन ने पिछले महीने भारत में नायरा एनर्जी रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसमें रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट की 49.13 फीसदी हिस्सेदारी है. यूरोपीय यूनियन का कहना था कि रिफाइनरी से होने वाला मुनाफा मास्को के युद्ध को बढ़ावा दे रहा है.
फिनलैंड स्थित स्वतंत्र शोध संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) के एक अध्ययन के अनुसार, 2022 से यूरोपीय यूनियन के रूसी एलएनजी इंपोर्ट में साल-दर-साल 9 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि अमेरिका सहित अन्य स्रोतों से इंपोर्ट में गिरावट आई है.
कितना खरीदा एलएनजी?
यूरोपीय संघ ने 2024 में रूसी एलएनजी के लिए 8.5 बिलियन डॉलर का भुगतान किया. इसका कारण पर्याप्त नॉन-रूसी गैस सप्लाई हासिल करने में कठिनाई हो रही थी. सीआरईए के अनुसार, रूस से यूरोपीय यूनियन का गैस आयात 2021 की तुलना में 2024 में 9.6 फीसदी अधिक था. सीआरईए के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में, रूस से यूरोपीय यूनियन का एलएनजी आयात रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा, जो 2022 के 15.21 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड से ज्यादा है. शोध संगठन के अनुसार, रूस-यूक्रेन वॉर की शुरुआत के बाद से, यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों ने रूसी फ्यूल के आयात के लिए 212 बिलियन यूरो से अधिक का भुगतान किया है.
भारत के मुकाबले रूस से ज्यादा कारोबार
कुछ रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई में रूसी ऊर्जा कंपनी गैज़प्रोम की यूरोप को एवरेज डेली नेचुरल गैस सप्लाई महीने-दर-महीने 37 फीसदी बढ़ी. 2024 में, यूरोपीय यूनियन का रूस के साथ द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 67.5 अरब यूरो का था. इसके अलावा, पिछले वर्ष, यूरोपीय यूनियन का सर्विस ट्रेड अनुमानित 17.2 अरब यूरो का था. यह उस वर्ष या उसके बाद भारत के रूस के साथ कुल व्यापार से काफी अधिक था. भारत के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं.
