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October 29, 2025 12:06 am

जयपुर में परिवहन व्यवस्था लड़खड़ाई: JCTSL ने 300 नई CNG बसों का टेंडर रद्द किया, 70 कंडम बसें मार्च 2026 तक सड़कों पर

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Jaipur Public Transport Service: जयपुर शहर में शहरी परिवहन व्यवस्था आगामी महीनों में बेपटरी होने वाली है। जेसीटीएसएल ने दिसंबर में मिलने वाली 300 नई सीएनजी बसों का टेंडर ही रद्द कर दिया है तो दूसरी तरफ 70 से अधिक अवधिपार हो चुकी कंडम श्रेणी की बसों को मार्च 2026 तक सड़क पर दौड़ाने की मंजूरी दे दी है। ऐसे में शहर में अब आए दिन बसों के ब्रेक डाउन जैसी समस्याएं खड़ी होना तय है।

जेसीटीएसएल ने निकाली गली

शहरी परिवहन व्यवस्था में बसों की कमी के चलते अब जेसीटीएसएल ने बसों की कमी के कारण जैसीटीएसएल भी रूट बढ़ाने की बजाय कम कर रहा है। पांच साल पहले शहर में 30 रूट पर बसों का संचालन हो रहा था। शहर में अब 22 रूट पर 200 बसों का संचालन किया जा रहा है। कई रूट पर तो इन दिनों एक भी बस का संचालन नहीं हो रहा है।

ज्यादा यात्रीभार वाले रूट पर भी बसें कम

जेसीटीएसएल के भांकरोटा से नायला, गोनेर से अजमेरी गेट, एयरपोर्ट से खिरणी फाटक, वाटिका से गोनेर, अजमेरी गेट से बाड़ा पदमपुरा, अजमेरी गेट से तितरिया, निवारू रोड से चांदपोल, कालवाड़ रोड से अजमेरी गेट स्ट पर यात्रियों के हिसाब से कम बसों का संचालना हो रहा है। इन रूट पर 1 से 3 घंटे में बसें पहुंच रही है। कई रूट की दूरी 45 किमी होने के बाद भी बसों की संख्या दो तीन से अधिक नहीं हैं।

6 साल में नहीं हुई बसों की खरीद

शहरी परिवहन व्यवस्था के लिए बीते पांच साल में बसों की खरीद नहीं हो पाई है। जेसीटीएमएल को पांच साल पहले 100 मिडी बसे मिली थी। पूर्ववती। सरकार के कार्यकाल में नई बसों की खरीद नहीं हुई। अब भाजपा सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अब तक नई बसों की खरीद को लेकर कोई प्लान अधिकारियों ने तैयार नहीं किया है। जेसीटीएसएसल पिछले 6 साल से इलेक्ट्रिक बसों की खरीद का इंतजार कर रहा है। जेसीटीएसएल के बेड़े में पहले 300 बसें थी जेसीटीएसएल को हर दिन 28 लाख रुपए का राजस्व मिलता था और करीब डेढ़ लाख यात्री रोजाना बसों में सफर कर रहे थे। लेकिन अब बसों की संख्या घटकर 200 ही रह गई। जिससे राजस्व भी घटकर 19 लाख रुपए तक ही रह गया है।

1500 लो-फ्लोर बसें हों, तो चले काम

जयपुर शहर की आबादी और रूट के हिसाब से जेसीटीएसएल के पास करीब 1500 बसें होना जरूरी है जिससे पूरे शहर के अधिकांश रूटों पर लो-फ्लोर बसों का संचालन निर्बाध रूप से हो सके। लेकिन इसके ठीक उलट बसों की संख्या अब महज 200 ही रह गई है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर तक शहर में इलेक्ट्रिक बसें आ जाएंगी। प्रथम फेज में जनवरी 2026 तक 150 और दूसरे चरण में 169 बसें मिलेगी। इस तरह जयपुर को कुल 319 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने की उम्मीद है।

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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