आप जब-जब अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तब-तब क्रेडिट कार्ड (Credit Card) कंपनियां आपके शॉपिंग पैटर्न को बारीकी से देखती हैं. साथ ही वह ये भी चेक करती रहती हैं कि आपका सिबिल स्कोर (Cibil Score) ठीक है या नहीं. जो अपने कार्ड को अच्छे से इस्तेमाल करते हैं और समय-समय पर उसका बिल भी चुकाते रहते हैं, कोई डिफॉल्ट नहीं करते, उन्हें क्रेडिट कार्ड लिमिट (Credit Card Limit) बढ़ाने का ऑफर मिलता है. अब ये जानकर आपको लगेगा कि मुफ्त में लिमिट बढ़ रही है, इसे तो तुरंत ले लेना चाहिए. जरा रुकिए, पहले क्रेडिट कार्ड लिमिट का पूरा खेल समझ लीजिए. लिमिट बढ़ाने के ऑफर का फायदा उठाने से पहले आपको कुछ बातों पर विचार करना जरूरी है.
सबसे पहले देखें आपका खर्च कितना है
अगर आप क्रेडिट लिमिट बढ़ाने के ऑफर को स्वीकार करना चाहते हैं तो पहले ये देखिए कि आपका खर्च वास्तव में कितना है. अगर आपकी मौजूदा लिमिट की तुलना में आपका खर्च अधिक है और आपको लगता है कि आपके पास और अधिक लिमिट होनी चाहिए तो आप क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का ऑफर ले सकते हैं.
किसे नहीं लेना चाहिए ये ऑफर
अगर आप उन लोगों में से हैं तो शॉपिंग के बहुत शौकीन हैं और आए दिन कुछ ना कुछ अपने कार्ड से खरीदते ही रहते हैं तो आपको अधिक लिमिट का ऑफर नजरअंदाज करना चाहिए. अगर आप अपने कार्ड की लिमिट बढ़वा लेते हैं तो आपको लगने लगेगा कि आपके पास काफी ज्यादा लिमिट है. ऐसे में आप सेल में या मॉल से ईएमआई पर भी सामान खरीदने से नहीं चूकेंगे. बता दें कि भले ही आप सामान ईएमआई पर लेते हैं, लेकिन आपके कार्ड से सामान की पूरी कीमत जितनी रकम ब्लॉक हो जाती है.
अगर आप बहुत सारा सामान क्रेडिट कार्ड से ईएमआई पर लेने लगेंगे, तो शुरू में आपको हर महीने ईएमआई का बोझ मामूली लगेगा, लेकिन धीरे-धीरे वह बढ़ता चला जाएगा. इस तरह कुछ महीनों बाद आपको पता चलेगा कि आपकी सैलरी का एक अहम हिस्सा सिर्फ ईएमआई चुकाने में जा रहा है. तो अगर आप बहुत अधिक शॉपिंग करते हैं तो क्रेडिट कार्ड की लिमिट बिल्कुल ना बढ़वाएं.
इन 2 तरीकों से निकलें क्रेडिट कार्ड के जाल से बाहर
अगर आपके ऊपर क्रेडिट कार्ड की वजह से भारी कर्ज हो गया है, तो आपको सबसे पहले जरूरत है क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल को सीमित कर देने की. वहीं अपने बकाया को तुरंत चुकाएं, भले ही उसके लिए आपको पर्सनल लोन ही क्यों ना लेना पड़े. ध्यान रहे कि आपको बैंक से पर्सनल लोन सिर्फ 12-14 फीसदी ब्याज पर मिल जाएगा, जबकि क्रेडिट कार्ड के बकाया पर आपको 30-42 फीसदी का ब्याज चुकाना पड़ रहा है, जो पर्सनल लोन दर की तुलना में करीब तीन गुना है. तो तुरंत ही किसी बैंक से पर्सनल लोन लें और अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुका दें. पर्सनल लोन की कुछ किस्तें बनवा लें और धीरे-धीरे उसे चुकता करते रहें. साथ ही कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड का कम से कम इस्तेमाल करें.
अपने क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने का दूसरा तरीका ये भी हो सकता है कि आप कंपनी से बात करें और अपने बकाया को ईएमआई में बदलवा लें. यानी अगर आपका बिल 1 लाख रुपये का है और आप उसे नहीं चुका पा रहे हैं तो आप उसकी ईएमआई बनवा सकते हैं और फिर धीरे-धीरे उसे चुका सकते हैं. ईएमआई बनवाने पर आपको 42 फीसदी ब्याज नहीं देना पड़ेगा.
वैसे तो क्रेडिट कार्ड फायदों की भरमार होता है, लेकिन जरा सी चूक हुई नहीं कि यही क्रेडिट कार्ड जी का जंजाल बन जाता है. क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करते वक्त आपको स्मार्ट तरीका अपनाना होगा. क्रेडिट कार्ड से उतनी ही शॉपिंग करें, जितनी आपकी कमाई है. कई बार लोग बिना सोचे-समझे क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते ही चले जाते हैं और इसी वजह से वह क्रेडिट कार्ड के जाल में फंस जाते हैं.