जयपुर रेंज में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस ने एक बार फिर बड़ा और सख्त अभियान चलाया है. ‘ऑपरेशन साइबर वज्र प्रहार 2.0’ के तहत जयपुर पुलिस रेंज ने दो दिन तक चले सघन एक्शन में साइबर ठगों के नेटवर्क पर सीधा प्रहार किया है. इस अभियान में कुल 64 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 20 एफआईआर दर्ज की गई हैं. कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल और वित्तीय उपकरण भी जब्त किए गए हैं, जिससे साफ है कि यह अभियान केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि साइबर क्राइम की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश की गई है.
जयपुर पुलिस रेंज के आईजी एचजीआर सुहास ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रेंज के सभी आठ जिलों में एक साथ विशेष टीमें गठित की गई थीं. इन टीमों ने तकनीकी इनपुट, स्थानीय सूचना तंत्र और पूर्व में दर्ज मामलों के विश्लेषण के आधार पर ठिकानों पर दबिश दी. दो दिन चले इस अभियान में 53 मोबाइल फोन, 31 सिम कार्ड, 18 एटीएम कार्ड और दो कारें जब्त की गई हैं, जो साइबर ठगी में इस्तेमाल की जा रही थीं.
दो दिन में 64 गिरफ्तार, 20 एफआईआर दर्ज
‘ऑपरेशन साइबर वज्र प्रहार 2.0’ के तहत जयपुर रेंज में कुल 64 साइबर अपराधियों को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने अलग-अलग जिलों में 20 प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है. पुलिस का कहना है कि जब्त किए गए मोबाइल, सिम और एटीएम कार्ड से कई अन्य साइबर ठगी के मामलों के खुलासे की संभावना है. इन उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क को उजागर किया जा सके.
जिलावार कार्रवाई का पूरा ब्यौरा
इस अभियान में जयपुर ग्रामीण जिले से 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और यहां तीन मामले दर्ज किए गए. अलवर जिले में सबसे ज्यादा 18 साइबर अपराधियों को पकड़ा गया, जहां सात एफआईआर दर्ज की गईं. खैरथल-तिजारा जिले में 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और पांच मुकदमे दर्ज किए गए. भिवाड़ी में पांच जनों को गिरफ्तार कर चार केस दर्ज किए गए. झुंझुनूं जिले में सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर दो प्रकरण दर्ज किए गए. सीकर जिले में तीन आरोपियों को पकड़ा गया, जबकि 27 संदिग्धों से गहन पूछताछ की गई है. दौसा जिले में दो जनों को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया गया. वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिले में भी दो साइबर अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है.
साइबर नेटवर्क तोड़ने पर फोकस
आईजी एचजीआर सुहास ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य केवल गिरफ्तारी नहीं, बल्कि साइबर अपराध के संगठित नेटवर्क को तोड़ना है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरफ्तार आरोपी किन-किन राज्यों या अंतरराष्ट्रीय गिरोहों से जुड़े हुए हैं. साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि इनसे जुड़े बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स के जरिए कितनी ठगी की गई है.
आम लोगों से सतर्क रहने की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, लिंक या ओटीपी साझा करने से बचें और साइबर ठगी की आशंका होने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें. जयपुर रेंज पुलिस का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे विशेष अभियान लगातार जारी रहेंगे, ताकि साइबर अपराधियों पर दबाव बना रहे और आम लोगों को सुरक्षित डिजिटल माहौल मिल सके.






