एक लड़की जो पुलिस अफसर बनकर देश सेवा करना चाहती थी .लेकिन उनके पिता उसे डॉक्टर बनता हुआ देखना चाहते थे. पहले उसने पिता के सपने को पूरा किया. फिर दिल्ली निकल पड़ी अपने सपने को हक़ीक़त में बदलने को. एक समय था जब वह पुलिस वालों को देख कर डर जाती थी. फिर एक दिन उसने अपने डर को जीता और DSP बनकर पुलिस की वर्दी पहनी और अब अपराधियों के छक्के छुड़ाती हैं.
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एक खूबसूरत महिला पुलिस अफ़सर जो अब लेडी सिंघम के नाम से आगरा में फ़ेमस है .जिसने UP की पहली महिला SOG टीम तैयार की और अपने काम से पूरे पुलिस महकमे में छा गई. इस महिला दिवस पर आगरा की तेज तर्रार ,यंग, टैलेंटेड और बेहद खूबसूरत पीपीएस अधिकारी सुकन्या शर्मा की कहानी जो महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन रही हैं. सुकन्या शर्मा आगरा के थाना एत्मादपुर में बतौर एसीपी के पद पर तैनात हैं.
पिता बनाना चाहते थे बेटी को डॉक्टर, लेकिन बेटी को बना था अफसर. यही से शुरू होती है दो सपनों को हकीकत में बदलने की कहानी. डॉ. सुकन्या शर्मा जो आगरा में एसीपी एत्मादपुर के पद पर तैनात हैं. वे अलीगढ़ के रामबाग कालोनी की रहने वाली हैं. पिता आरकेएस रमण पेशे से वकील हैं. डॉ. सुकन्या की तीन बहन डॉ. एकता शर्मा, डॉ. अनसुइया शर्मा, अन्नपूर्णा शर्मा और एक भाई सूरज शर्मा हैं. सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली डॉक्टर सुकन्या को शुरू से अफसर बनकर देश सेवा करनी थी. लेकिन उनके पिता चाहते थे कि उनकी बेटी डॉक्टर बने. पिता की खातिर सुकन्या शर्मा ने बीएचएमएस( Bachelor of Homoeopathic Medicine and Surgery) में एडमिशन लिया. पढ़ाई की और होम्योपैथिक डॉक्टर बन गई.
डॉक्टरी की पढ़ाई के दौरान ही सुकन्या शर्मा का झुकाव सिविल सर्विस की तरफ बढ़ गया. BHMS थर्ड ईयर में आते-आते वह खुद से सिविल सर्विस की तैयारी करने लगी. उनका मन सिविल सर्विसेज की तैयारी में लगने लगा. सिविल सर्विसेज से संबंधित किताबें पढ़ने लगी .साथ में BHMS भी चल रहा था. साल 2016 में उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली का रुख किया. जब पिता को पता चला की बेटी डॉक्टर के साथ-साथ सिविल सर्विस में भी खूब मेहनत कर रही है तो पिता भी बेटी की मेहनत और लगन के आगे झुक गए
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सुकन्या शर्मा ने दिल्ली पहुंचकर बाजीराव में 1 साल तैयारी की .2017 में उन्होंने प्री का एग्जाम दिया. जून 2018 में मेंस लिखा और इसी साल सितंबर के महीने में इंटरव्यू क्लियर किया .1 साल की मेहनत रंग लाई और वे बतौर डीएसपी के पद पर काबिज हुई.
जब सुकन्या शर्मा ट्रेनिंग के लिए मुरादाबाद के डॉ. बीआर आंबेडकर पुलिस अकादमी पंहुची तो उनका वजन बेहद ज्यादा था .फिजिकल एक्टिविटीज करने में बेहद दिक्कत होती थी. लेकिन उन्होंने यहां भी हार नहीं मानी .खूब मेहनत की और उस्तादों ने भी खूब सपोर्ट किया.
डीएसपी सुकन्या की पहली तैनाती बतौर ट्रेनी आगरा के छत्ता थाने में हुई. CO के पद पर रहकर उन्होंने यहां पर एक साल तक चार्ज संभाला. इस दौरान उन्होंने पुलिस के सिस्टम को करीब से देखा और समझा .1 साल के बाद उनकी तैनाती आगरा के व्यस्ततम थाना कोतवाली में हुई .ACP के पद पर रहते हुए उन्होंने आगरा में यूपी की पहली महिला SOG कमांडो टीम बनाई . उन्होंने बीट महिला कांस्टेबल में से 91 महिलाओं को एसओजी कमांडो की ट्रेनिंग दी. अब यह महिलाएं कमांडो ट्रेनिंग पा कर खतरनाक अपराधियों से लोहा लेती हैं.
एसीपी सुकन्या सुबह 7:00 बजे आगरा के पुलिस लाइन ग्राउंड में महिलाओं को सेल्फ डिफेंस और मार्क स्लाइड की ट्रेनिंग देती हुई नजर आती हैं. इसके अलावा वह सोशल अवेयरनेस ,चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूशन, साइबर क्राइम, छेड़खानी और महिलाओं से संबंधित अपराधों को लेकर स्कूल कॉलेज कोचिंग में खासकर लडकियों को जागरूक करती हैं. आज उनके थाने में पेशेवर अपराधी खुद ब खुद थाने पहुंचते हैं और अपराध न करने की कसम खाते हैं .एसीपी सुकन्या शर्मा का मानना है कि महिलाएं हमेशा से सशक्त है बस उन्हें मोटिवेशन की जरूरत है.