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November 15, 2024 12:07 pm

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Full Body Checkup: रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा……..’क्या किसी भी काम का नहीं होता है फुल बॉडी चेकअप…..

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फुल बॉडी चेकअप में शरीर के सभी अंगों की जांच की जाती है, जिसमें खून की जांच, यूरिन टेस्ट, एक्स-रे, मैमोग्राफी, MRI जैसे कई टेस्ट शामिल होते हैं. बीमारियों का डर या फिट रहने के लिए आजकल बड़ी संख्या में लोग अपना फुल बॉडी चेकअप करवाते हैं.

कई बार तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए ही लोग बॉडी चेकअप के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन क्या वाकई यह चेकअप सही होता है, क्या इसमें हुए सभी टेस्ट सही रिजल्ट बताते हैं. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फुल बॉडी चेकअप सही नहीं होता है, इसमें हर टेस्ट सही नहीं होते हैं. पढ़िए रिपोर्ट.

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फुल बॉडी चेकअप को लेकर रिसर्च

लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी में हाल ही में फुल बॉडी चेकअप के फायदे को लेकर एक रिसर्च किया. जिसमें पता चला है की हार्ट डिजीज के लिए MRI स्कैन कराने का कोई फायदा नहीं है. इससे कई बीमारियों का सही पता नहीं लग सकता है. हार्ट चेकअप में तो ये टेस्ट ज्यादा फायदेमंद नहीं है. इससे शरीर में हो रहे कुछ बदलावों की जानकारी तो लग जाती है लेकिन ज्यादातर लक्षणों का अंदाजा नहीं चलता है.

क्या MRI स्कैन का कोई फायदा नहीं

लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी की रिसर्च में 16 हजार पार्टिसिपेंट्स का एमआरआई कराया गया. इसमें पता चला कि MRI गंभीर बीमारियों में ज्यादा असरदार नहीं है. ब्रेन के मामले में यह सही तरह काम करता है लेकिन जब बात हार्ट की आती है तो उतनी अच्छी जानकारी नहीं देता है, जितनी सीटी स्कैन और एक्स-रे. MRI फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट भी देता है. ब्रेस्ट की बीमारियों में 1,000 स्कैन में कम से कम 97 गलत पॉजिटिव आए. वहीं, प्रोस्टेट के मामलों में 100 स्कैन में 29 गलत पॉजिटिव थे. इस रिसर्च के मुताबिक, एमआरआई स्कैन हार्ट डिजीज, हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों का सही पता नहीं लगा पाता है, जिससे उनसे बच सकें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

कई हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर में क्या समस्याएं हैं, इसके लिए फुल बॉडी चेकअप कराया जाता है. यह काफी महंगा भी होता है और इसकी रिपोर्ट आम इंसान के समझ से बाहर होती है. कई मामलों में तो MRI कराने के बाद भी कई दूसरे टेस्ट करवाने पड़ते हैं. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि एमआरआई टेस्ट का कोई फायदा ही नहीं मिलता है. इससे ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का आसानी से पता लगाया जा सकता है. स्ट्रोक और रीढ़ की हड्डी की चोट भी पता चल सकती है, सिर्फ दिल की बीमारियों के मामले में यह फिसड्डी है. इससे बहेतर रिजल्ट सीटी स्कैन, एंजियोग्राफी और ट्रेडमील टेस्ट में आते हैं.

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