भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सूर्यकांता व्यास ने लम्बे समय बीमार रहने के बाद आज दम तोड़ दिया. साथ ही यह संदेश भी दे दिया कि यदि कोई व्यक्ति ठान ले, तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं है. सूर्यकांता व्यास ने अपना जीवन पार्षद के रूप में शुरू किया और लम्बे समय तक विधायक रहकर जोधपुर के विकास के लिए जो गंगा बहाई, उसके लिए लोग बरसों तक उनको याद करते रहेंगे. उन्होंने जोधपुर शहर और सूरसागर क्षेत्र में विधायक रहते हुए ऐतिहासिक काम कराए. सबसे बड़ी बात यह रही कि चाहे भैरोंसिंह शेखावत की सरकार रही हो, वसुंधरा राजे की सरकार या फिर अशोक गहलोत की सरकार रही हो, तीनो की सरकारों में उन्होंने विकास के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ा. कांग्रेस और भाजपा के नेता उन्हें एक विकास का पर्याय माना करते थे.
सूर्यनगरी में शोक की लहर
सूर्यकांता व्यास के निधन के बाद से सूर्यनगरी जोधपुर में शोक की लहर है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सूर्यकांता व्यास के पुत्र शिवकुमार व्यास को फोन पर संवेदना जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी शोक व्यक्त किया है. साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी श्रद्धांजलि दी है. वहीं पूर्व महाराजा गज सिंह ने भी संवेदनाएं व्यक्त की है. सूर्यकांता व्यास के परिवार के सदस्य व्यास के निवास पर पहुंचना शुरू हुए हैं. भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी धीरे-धीरे व्यास के निवास पर आने लगे हैं. परिवार के कुछ सदस्य जोधपुर से बाहर गए हुए हैं. परिवार के सदस्यों के जोधपुर आने पर दोपहर बाद अंतिम संस्कार होगा.
पार्षद से विधायक तक का व्यास का सफर
गौरतलब है कि सूर्यकांता व्यास उर्फ जीजी ने साल 1990 में जोधपुर पुराना शहर निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था. पार्षद से राजनीतिक शुरुआत करने वाली जीजी ने 1990, 1993 और 2003 के विधानसभा चुनाव में बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. 2008 में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ा और विजयी हुईं. 2023 नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव का टिकट जीजी को भाजपा ने नहीं दिया था. उनकी जगह देवेंद्र जोशी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया था. सूर्यकांता व्यास के पति उमा शंकर व्यास सप्लाई इंस्पेक्टर थे और पिता फतेहराज कल्ला पुलिस इंस्पेक्टर थे.