गुरुग्राम का एक वीडियो कल से काफी वायरल है. सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में कथित तौर पर देरी से पहुंचने पर रोक दी गई युवती की मां गेट पर बेसुध पड़ी हैं. पिता एक मौका देने की गुहार लगा रहे हैं. वे कभी पत्नी को देखते हैं, कभी गेट के अंदर मौजूद परीक्षाकर्मियों से विनती करते दिखते हैं. और इन सबके बीच वह युवती भी है जिसकी सालभर की कड़ी मेहनत कुछ सेकंड से बर्बाद हो गई. आप कल्पना कर सकते हैं कि वह किस मानसिक स्थिति से गुजर रही होगी. लेकिन इस भावुकता और भीड़ से भरे पूरे दृश्य में जो सबसे गजब बात दिखती है, वह है युवती का धैर्य. वीडियो में वह खुद को ही नहीं, बल्कि जिस समझदारी से अपने पिता और बेसुध मां को संभालती है, वह भी काबिलेतारीफ है. वह पिता से कहती है- अगली बार पेपर दे देंगे पापा.
दरअसल यूपीएससी ने रविवार को देशभर के विभिन्न केंद्रों पर सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2024 का आयोजन किया. जिसमें लाखों छात्र शामिल हुए. परीक्षा का पहला सत्र सुबह 9 बजे शुरू हुआ. गुरुग्राम के एक केंद्र पर एक युवती को देरी से पहुंचने पर परीक्षा देने से रोक दिया गया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया. एक्स पर साक्षी नामक यूजर द्वारा शेयर किए गए वायरल वीडियो में अभ्यर्थी की मां बेहोशी की हालत में दिखाई दे रही हैं. जबकि पिता गुहार लगा रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
वायरल वीडियो में उसके पिता को रोते-बिलखते देखा जा सकता है. लड़की विडियो में कह रही है, “पापा! पानी पियो. क्यों ऐसे कर रहे हो? पापा, हम अगली बार दे देंगे. कुछ ऐसी बात नहीं है.” पिता कहते हैं, “एक साल गया बाबू हमारा.” जिस पर वह जवाब देती है, “कोई बात नहीं! उम्र नहीं निकली जा रही.” पिता और बेटी रोती हुई मां को सांत्वना देने की कोशिश करते हैं जो बार-बार कहती है, “ना जाऊंगी.”
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वीडियो देख यूजर्स ने क्या कहा
सोशल मीडिया यूजर ने क्लिप के कैप्शन में कहा, “दिल दहला देने वाला वीडियो. माता-पिता की हालत जो आज यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के लिए अपनी बेटी के साथ आए थे, क्योंकि उनकी बेटी को देर से आने की वजह से अनुमति नहीं दी गई थी. परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू होती है, और वे सुबह 9 बजे गेट पर थे, लेकिन गुरुग्राम के सेक्टर 47 स्थित एस.डी. आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया.”
शेयर किए जाने के बाद से, इस क्लिप को प्लेटफ़ॉर्म पर 2.5 मिलियन व्यूज़ और सात हज़ार लाइक्स मिल चुके हैं. एक यूजर ने कहा, “प्रिंसिपल यहीं हैं, रिपोर्टिंग समय के बाद किसी को भी अनुमति नहीं है.” एक व्यक्ति ने लिखा, “मैंने भी कल परीक्षा दी, उन्होंने मुझे सुबह 9 बजे के बाद भी अंदर जाने दिया. लेकिन कुछ कॉलेजों में, यह प्रिंसिपल पर निर्भर करता है. उन्होंने उम्मीदवारों को सुबह 9:25 बजे तक अनुमति दी और उसके बाद गेट बंद कर दिया, वह दयालु थे.”
हालांकि इस वीडियो को देखने पर किसी यूजर ने कहा कि यह उस तरह का दबाव है जो माता-पिता बच्चों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि परीक्षा में असफल होना जीवन खत्म होने जैसा ही है. बेचारी बच्ची अपनी मां की तुलना में बेहतर भावनात्मक नियंत्रण रखती है. एक व्यक्ति ने कहा कि भगवान, कल्पना करें कि अगर माता-पिता सार्वजनिक रूप से इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं तो परीक्षा पास करने के लिए उस लड़की पर किस तरह का दबाव होगा.