मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को समुद्र में बने देश के सबसे लंबे अटल बिहारी वाजपेयी न्हावा शेवा अटल सेतु (MTHL) का उद्घाटन किया। इस ब्रिज के खुलने से उरण-उल्वे और उसके आसपास तीसरी मुंबई बसाने का सपना भी मूर्त रूप ले सकेगा। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) को इसकी प्लानिंग अथॉरिटी के रूप में नियुक्त किया गया है। इसी साल के अंत तक नवी मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट बन जाने के बाद इस इलाके का समग्र विकास आसानी से हो सकेगा।
22 किमी लंबे ब्रिज पर सफर करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई में जारी विकास कार्य पर पूरे देश की नजर है। पहले की सरकारें प्रॉजेक्ट को अटकाने का काम करती थी, लेकिन अब देश बदलने लगा है। मोदी ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्ष में देश में बड़ा बदलाव हुआ है। पहले देश में मेगा स्कैम की बात होती थी, अब देश में मेगा प्रॉजेक्ट्स पर चर्चा हो रही है।
पहले टैक्स देने वालों का पैसा प्रॉजेक्ट में लगने के बजाए बीच में फंस जाता है, अब एक एक पैसा प्रॉजेक्ट के काम में इस्तेमाल हो रहा है। उरण-खारकोपर रेल लाइन और नवी मुंबई मेट्रो का काम वर्षों पहले शुरू हुआ था, लेकिन डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से प्रॉजेक्ट पूरे हुए हैं। 2014 से पहले 12 लाख करोड़ रूपये का इन्फ्रास्ट्रक्चर बजट हुआ करता था, जिसे बढ़ा कर 44 लाख करोड़ रूपये कर दिया गया है।
रायगड इकॉनमिक हब बनेगा
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब तक मुंबई देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता था, लेकिन अटल सेतु के खुल जाने के बाद रायगड देश का नया इकॉनमिक हब बन जाएगा। देश का करीब 65 प्रतिशत डेटा सेंटर रायगड में होगा। नवी मुंबई एयरपोर्ट समेत अन्य जारी प्रॉजेक्ट्स से यहां का जबर्दस्त विकास होगा। एमएमआर को जल्द ही उसका पहला रिंग रोड मिलने वाला है, जिससे यहां के हर कोने में केवल 1 घंटे में पहुंचना संभव होगा। 1973 में ब्रिज के बारे सोचा गया था, लेकिन निर्माण कार्य ही शुरू नहीं हो पाया था। मोदी के पीएम बनने के बाद MTHL के निर्माण कार्य को गति मिली, सभी जरूरी अनुमतियां मिल पाईं। इसी का परिणाम है कि आज 22 किमी लंबा ब्रिज वाहनों के लिए खुल गया। अब मुंबई से नवी मुंबई केवल 20 मिनट में पहुंचना संभव होगा।
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अटल सेतु की अहम बातें
1962: में पहली बार मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने वाले सी ब्रिज का विचार सामने आया था।
2016: में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ब्रिज का शिलान्यास किया था। काम अप्रैल 2018 में शुरू हुआ।
70 हजार वाहन रोज यहां से गुजरने का अनुमान है। यहां करीब 400 कैमरे लगाए गए हैं।
18,000 करोड़ रुपये करीब लागत से किया गया है अटल सेतु का निर्माण। लॉकडाउन की वजह से इसमें देरी हुई और खर्च बढ़ गया।
16.5 किलोमीटर लंबा समुद्र के ऊपर और लगभग 5.5 किमी जमीन पर बना है अटल सेतु।
55 किमी इसकी लंबाई वाला हॉन्ग कॉन्ग का झुहाई मैकाऊ ब्रिज दुनिया का सबसे लंबा सी ब्रिज है। अटल सेतु भारत का सबसे लंबा सी ब्रिज है।