पदमश्री डॉ. (श्रीमती) जनक पलटा मगिलिगन के पति ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से सम्मानित स्वर्गीय जेम्स (जिम्मी) मगिलिगन की याद में जिम्मी एंड जनक मगिलिगन फ़ाऊनडेशन फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट द्वारा आयोजित जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल डेवलपमेंट सप्ताह का शुभारम्भ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राकेश सिंघई ने सोलर कुकिंग फूड फेस्टिवल से किया । ट्रस्ट के सचिव डॉ. समीर शर्मा ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि जिम्मी मगिगिलिगन जी का जीवन सस्टेनेबल डेवलपमेंट ,समाज ,प्रकृति , सद्भावना, प्रेम व एकता को समर्पित रहा पिछले 13 साल से हर साल उन की याद में सप्ताहिक कार्यक्रम करने में प्रयासरत है ,जो भारत के सस्टेनेबल डेवलपमेंट में योगदान दे सके । यह सस्टेनेबल वीक विभिन्न संस्थानों के सहयोग से आयोजित किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
जनक पलटा मगिलिगन ने बहाई प्रार्थना से शुरू किया और बताया “सोलर कुकिंग की शुरुआत देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के साहनी साहब ने शुरू की थी । श्री जिम्मी एक उत्तरी आयरलैंड से बहाई पायनियर थे, जिन्होंने अपना जीवन भारत में सेवा कार्यों के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने सोलर कुकिंग और सोलर ड्रायर जैसी तकनीकों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य किया । वे पिछले 40 वर्षों से देश में सोलर कुकिंग और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले बरली संस्थान और अब सनावादिया में स्थित इस ट्रस्ट के माध्यम से वे सस्टेनेबल डेवलपमेंट को बढ़ावा दे रहे हैं। डॉ. मगिलिगन ने यह भी जानकारी दी कि इस केंद्र पर अब तक एक लाख 83000 से अधिक लोग आ चुके हैं और उन्होंने जीरो वेस्ट जीवन शैली और सस्टेनेबल सोलर आधारित जीवन जीने के तरीकों को सीखा है।
सभी आयु वर्ग के लगभग 50 से अधिक सोलर कुकिंग मित्रों ने उत्साहपूर्वक सोलर कुकिंग से विभिन्न प्रकार के फेस्ट में 25 से अधिक विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाए गए, जिनमें पोहा, पुलाव, खिचड़ी, रसम, मठरी, सब्जी, चावल, इडली, सांभर और हलवा प्रमुख थे। इस अवसर पर शहर के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें प्रोफेसर राजीव सिंघल, ट्रस्टी अनुराधा दुबे, सोलर इंजीनियर सुस्मिता भट्टाचार्यजी, वरुण रहेजा ,सोलर शेफ अनीता मंत्री श्री राज कुमार जैन, श्री रवि नंदी, श्री भारत, श्री महेंद्र धाकड़, अब्दुल, प्रभव करंडे और प्रमुख थे। संस्था अरुणाभ के विशेष बच्चे (ऑटिज्म) भी श्री आशीष कट्टी के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने भी सोलर कुकिंग में अपना योगदान दिया।
मुख्य अतिथि, प्रो.राकेश सिंघई देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति ने कहा ” जिम्मी मगिलिगन जीजा जी और जनक दीदी पर गर्व है, दोनों ने अपना जीवन सस्टेनेबल डेवलपमेंट को समर्पित कर बहुमूल्य योगदान दिया सभी के लिए आदर्श है। आज यहाँ आकर सोलर किचन जैव विविधता देख कर बहुत अभिभूत अभिभूत हूँ । यह सोलर फूड फेस्टिवल न केवल सोलर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है, बल्कि समुदाय को एक साथ आकर सतत जीवन शैली के महत्व को समझने का भी अवसर प्रदान करता है ।सोलर कुकरों के महत्व और आवश्यकता के बारे में कहा सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए सस्टेनेबल जीवन शैली जरूरी है उन्होंने बताया कि हमारी भूलों के चलते प्रकृति पर पड़ रहे बुरे असर को हम तभी खत्म कर सकते हैं जब हम तय करें कि हमारे सभी काम सस्टेनेबल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास सोलर थर्मल ऊर्जा का अक्षत भंडार है जो पूरी तरह प्राकृतिक भी है, इसका उपयोग यदि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी बेहतर बनाने के लिए किया जा सके तो सार्थकता कई गुना होगी। सोलर कुकरों में पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करने की अपार क्षमता है, लेकिन व्यापक रूप से अपनाने के लिए महत्वपूर्ण नवाचार ,अनुसंधान और विकास ,मशीनीकृत डिजाइन में निवेश करने की आवश्यकता है।