Explore

Search

February 3, 2025 9:22 pm

लेटेस्ट न्यूज़

Standard Deduction: इसका फायदा…….’क्‍या होता है, स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन और किन्‍हें मिलता है…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

इस बार के बजट (Budget 2025) में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इनकम टैक्‍स को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्‍होंने 12 लाख रुपए तक की आमदनी को टैक्‍स फ्री कर दिया है. वहीं स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन को 75,000 रुपए ही रखा गया है. स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन (Standard Deduction) वो कटौती है जिसे आपकी आमदनी से काटकर अलग कर दिया जाता है और इसके बाद बची हुई आमदनी पर टैक्‍स की गणना की जाती है. समझिए किनको मिलता है इसका फायदा.

10 महीने के बच्चे में पाया गया संक्रमण…….’देश में HMPV Virus का एक और मामला आया सामने……

कौन उठा सकता है फायदा

वेतनभोगी कर्मचारी (Salaried Employee) और पेंशनर्स (Pensioners) को स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के जरिए टैक्‍स में छूट लेने की सुविधा मिलती है. अगर आप इनकम टैक्‍स भरने के लिए नई टैक्‍स स्‍लैब का चुनाव करते हैं तो आपको 75,000 रुपए स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का फायदा मिलेगा. वहीं ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम को चुनने पर सैलरीड टैक्सपेयर्स को केवल 50,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन ही मिलता है.

उदाहरण से समझिए

मान लीजिए कि आप नौकरीपेशा वाले हैं और आपकी सालाना इनकम 13 लाख है और आप न्‍यू टैक्‍स रिजीम को चुनते हैं तो इसमें 75,000 रुपए स्टैंडर्ड डिडक्‍शन कम हो जाएंगे. अब बचेंगे 12,25,000 रुपए, इस पर स्‍लैब के हिसाब से टैक्‍स लगेगा. वहीं अगर आपकी इनकम 12,75,000 रुपए है तो आपको न्‍यू टैक्‍स रिजीम के हिसाब से इनकम टैक्‍स नहीं देना होगा क्‍योंकि 12 लाख तक की इनकम टैक्‍स फ्री है और 75,000 रुपए स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का फायदा मिल जाएगा. वहीं 13,00,000 की सालाना आमदनी पर अगर आप ओल्‍ड टैक्‍स रिजीम को चुनते हैं तो कुल पैकेज में 50,000 रुपए तक का स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन का लाभ मिलेगा. ऐसे में आपकी टैक्‍स की गणना 13 लाख की बजाय 12,50000 रुपए पर होगी.

2005 के बाद 2018 में दोबारा लागू हुआ

भारत में वर्ष 2005 से पहले वेतनभोगियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान था, लेकिन उस वर्ष के बजट में इसे बंद कर दिया गया था. इसके बदले कुछ विशेष मदों में जैसे परिवहन भत्ते के रूप 19,200 रुपए के डिडक्शन और चिकित्सा भत्‍ते के रूप में 15,000 रुपए के डिडक्शन का प्रावधान किया गया. लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्‍ट नहीं थे. कर्मचा‍रियों का मानना था कि कारोबारी और कंसल्‍टेंट्स कई तरह के खर्च दिखाकर एक्जंप्शन क्‍लेम करते हैं, लेकिन सैलरीड लोगों के पास बहुत कम विकल्‍प हैं. कर्मचारियों की इस शिकायत को दूर करने के लिए सरकार ने साल 2018 के बजट में दोबारा स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया. लेकिन ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट के रूप में मिलने वाली छूट को खत्‍म कर दिया गया.

क्‍या है स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा

ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट के रूप में मिलने वाली छूट से स्टैंडर्ड डिडक्शन कर्मचारियों के लिए ज्‍यादा बेहतर है क्‍योंकि ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट की छूट लेने के लिए कागजी कार्यवाही का काम बढ़ जाता था. जबकि स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन के जरिए वेतनभोगियों की ग्रॉस सैलरी में से रकम सीधेतौर पर काट ली जाती है और इसके बाद बची हुई सैलरी पर टैक्‍सेबल इनकम का निर्धारण किया जाता है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर