राजस्थान के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सोमवार को जयपुर के शिप्रा पथ थाने में भारतीय सेना के एक सेवारत सैनिक को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर पीटने के मामले में पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई. मामला सामने आने के बाद एक पुलिस उपनिरीक्षक और तीन कॉन्स्टेबल को थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया और जांच के आदेश दिए गए. सैनिक कल्याण मंत्री राठौड़ भी सेना में सेवा दे चुके हैं. वह थाने पहुंचे और मामले पर आपत्ति जताई और वहां मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई.
क्या पुलिस एक फौजी को कर सकती है अरेस्ट?
पुलिस का काम लोगों को सुरक्षित रखना है, लेकिन कई बार पुलिस अधिकारियों द्वारा कानून तोड़ा जाता है. जयपुर की घटना के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या पुलिस के पास सेना के जवान को गिरफ्तार करने का अधिकार होता है? तो इसका जवाब हां और नहीं दोनों है. इसके लिए अलग-अलग नियम हैं. दरअसल, आर्मी और पुलिस दो अलग-अलग सरकारी विभाग हैं और उनके अपने-अपने कार्यक्षेत्र और दायित्व होते हैं. पुलिस और आर्मी दोनों के पास अपनी कानूनी प्रक्रियाएं होती है और वे अपने कार्यक्षेत्र में गिरफ्तारी के विशेष नियमों और गाइडलाइंस का पालन करते हैं.
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कब एक आर्मी ऑफिसर को गिरफ्तार कर सकती है पुलिस?
SSB Crack Exams की रिपोर्ट के अनुसार, आर्मी एक्ट 1950 के सेक्शन 70 और एयरफोर्स एक्ट के सेक्शन 72 में इसका जिक्र किया गया है. नियम के मुताबिक आर्मी पर्सनल्स को सिर्फ और सिर्फ बड़े जुर्म जैसे मर्डर, रेप या किडनैपिंग के मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. जघन्य अपराधों के अलावा किसी अन्य मामलों में गिरफ्तारी के लिए पुलिस को केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है. इसके साथ ही आर्मी के जवान को हथकड़ी पहनाने की भी अनुमति नहीं होती है.
नियम के अनुसार, किसी भी आर्मी अफसर को गिरफ्तारी के बाद 2 घंटे से ज्यादा समय के लिए पुलिस थाने में नहीं रख सकती. इसके बाद उन्हें नजदीक के मिलिट्री हेडक्वार्टर को सूचित करना होगा और सेना के अधिकारियों से आगे की कार्रवाई की अनुमति लेनी होगी. ये अनुमति मेजर जनरल या उससे ऊपर के रैंक वाले स्टेशन कमांडर द्वारा दी जाएगी. यदि अनुमति नहीं दी जाती है तो जवान को मिलिट्री पुलिस को सौंपना होगा. इसके अलावा पुलिस सिर्फ सिविल मामले में ही सेना के जवान से पूछताछ कर सकती है. यदि जुर्म में शामिल दोनों पक्ष सेना में शामिल हों तो ये मामला मिलिट्री कोर्ट में जाएगा.
जयपुर के थाने में जवान को नंगा कर पीटा
रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर के शिप्रा पथ थाना पुलिस ने एक हुक्का बार पर छापेमारी कर कुछ लोगों को पकड़ा था, जिसमें एक आर्मी का जवान भी शामिल था. जवान के पकड़े जाने की जानकारी लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के बारामुला में तैनात अन्य जवान अरविंद सिंह जब शिप्रापथ थाने पहुंचे तो उनके साथ मारपीट की गई. मामले की जानकारी मिलने पर सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ थाने पहुंचे और एसीपी को जमकर फटकार लगाई.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, ‘एक सेवारत सैनिक को कुछ पुलिसकर्मियों ने निर्वस्त्र कर दिया और डंडों से पीटा और फिर उसे लोगों के बीच बैठा दिया और कुछ पुलिसकर्मियों ने उससे यह दोहराने को कहा कि पुलिस भारतीय सेना का ‘बाप’ है.’ उन्होंने कहा, ‘यह बहुत दुख की बात है और यह उन दो-तीन लोगों की घिनौनी मानसिकता को दर्शाता है, जिन्होंने ऐसा किया.’ मंत्री ने कहा कि सैनिक को बुरी तरह पीटा गया और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मेडिकल रिपोर्ट में लिखा है कि लोगों ने उसके साथ मारपीट की. भारतीय सेना के एक जवान को पांच पुलिसकर्मियों ने पकड़कर पीटा है, वह भी बिना किसी कानून और बिना किसी कारण के, इसलिए पुलिस विभाग में कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है.’