SIP in Mutual Funds: शेयर मार्केट में लगातार आ रही गिरावट ने म्यूचुअल फंड का मार्केट भी बिगाड़ दिया है। सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले भी आशंकित हैं। शायद यही वजह है कि लोग SIP बंद करने के बारे में न केवल सोच रहे हैं, बल्कि बाकायदा ऐसा कर भी रहे हैं। SIP का हिस्सा बनने वालों की संख्या भले ही बढ़ी हो, लेकिन इसे बंद करने वालों की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
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ऐसा रहा है रेश्यो
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े बताते हैं कि SIP स्टॉपेज रेश्यो पिछले साल 52.3% था , जो जनवरी 2025 में बढ़कर 109 प्रतिशत हो गया है। पिछले महीने यानी जनवरी में 56.19 लाख नए SIP रजिस्टर्ड हुए और 61.33 लाख निवेशकों ने SIP बंद की। इसका मतलब है कि जनवरी 2025 में नए SIP की तुलना में SIP बंद होने की संख्या अधिक रही। बता दें कि SIP स्टॉपेज रेशियो यह दर्शाता है कि नए SIP रजिस्ट्रेशन के मुकाबले कितने SIP बंद या समाप्त हुए हैं। इस आंकड़े में उछाल का अर्थ है कि बड़ी संख्या में निवेशक SIP जारी रखने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे।
इस वजह से घबराहट
विशेषज्ञ एसआईपी बंद करने के कई कारण बताते हैं। इसकी एक प्रमुख वजह यह है कि निवेशक अपने इन्वेस्टमेंट की वैल्यू में आई भारी गिरावट को लेकर चिंतित हैं। मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, ‘अपना धन फाइनेंशियल सर्विसेज’ की फाउंडर प्रीति जेंडे का कहना है कि शेयर बाजार में लगातार गिरावट के कारण खुदरा निवेशक चिंतित हैं। आम निवेशकों के लिए अपने पोर्टफोलियो को रोजाना गिरते देखना बहुत मुश्किल है। इससे इक्विटी एसेट क्लास में उनका भरोसा डगमगा गया है, जबकि सोना और डेट जैसे दूसरे एसेट क्लास लगातार बेहतर रिटर्न दे रहे हैं। हालांकि, उनका कहना है कि लंबी अवधि के निवेश के लिए एसआईपी रोकना अच्छा कदम नहीं है।
मिल सकता है लाभ
प्रीति के अनुसार, नए निवेशक, खासकर वे जो कोरोना महामारी के बाद इक्विटी बाजार का हिस्सा बने हैं, उन्होंने मार्केट का ऐसा हाल नहीं देखा है। इसलिए वह घबराहट में SIP रोक रहे हैं। लेकिन यह अच्छा कदम नहीं है। उन्होंने निवेशकों को सलाह देते हुए कहा कि अगर आप अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो मार्केट में करेक्शन के दौरान अधिक यूनिट प्राप्त करने के लिए एसआईपी जारी रखने का यह सबसे अच्छा समय है। इससे बाजार में सुधार शुरू होने पर पोर्टफोलियो वैल्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी।
शिफ्ट हो रहा फंड
वहीं, वेल्थ लैडर डायरेक्ट के संस्थापक श्रीधरन एस के अनुसार, कुछ निवेशक, खासकर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल ने अपनी एसआईपी रोक दी है और एसेट एलोकेशन को संतुलित करने के लिए FD जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में पैसे लगाए हैं। जबकि कुछ दूसरे निवेशक अपनी भविष्य की SIP को डेट और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में लगा रहे हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते भारतीय शेयर बाजार पिछले कुछ समय से लगातार दबाव में कारोबार कर रहा है, इसके चलते मार्केट से लिंक्ड सभी इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स को लेकर चिंता बढ़ गई है।
घबराने वाली बात नहीं
दूसरी तरफ, आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज को नहीं लगता कि कोई घबराने वाली बात है। उनका कहना है कि SIP कैंसिलेशन कई कारणों से होता है, जिसमें लक्ष्य प्राप्ति के बाद फंड रिडेम्प्शन भी शामिल है। इस प्रकार, केवल स्टॉपेज रेश्यो पर ध्यान केंद्रित करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2025 में नेट SIP इनफ्लो 26,400 करोड़ था, जो पिछले साल के 18,838 करोड़ रुपये से 40.1% अधिक है। जब हम SIP की बात करते हैं, तो यह आंकड़ा महत्वपूर्ण है। उच्च स्टॉपेज अनुपात के बावजूद, एसआईपी में कुल निवेशक भागीदारी मजबूत रही है।
मिलीजुली राय
फिरोज अजीज के अनुसार, अधिकांश कैंसिलेशन डायरेक्ट म्यूचुअल फंड पर आ रहे हैं, जो दर्शाता है कि जो निवेशक बिना किसी निवेश रणनीति के अपने दम पर निवेश करते हैं, वे अक्सर बाजार का ऐसा हाल देखकर घबरा जाते हैं। कुल मिलाकर SIP स्टॉपेज को लेकर एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है। कुछ के लिए यह चिंताजनक है, जबकि कुछ इसे बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान सामान्य व्यवहार मान रहे हैं।
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