मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए जब 13 फरवरी 2016 को फसल बीमा योजना शुरू की थी तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि बीमा कंपनियां इस योजना को मजाक बनाकर रख देंगी. हाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि किसानों के फसलों का बीमा करने वाली कंपनियों ने नुकसान के बाद दावे के रूप में सिर्फ 1 रुपये का ही भुगतान किया है. शिकायत की आवाज सरकार तक भी पहुंची तो केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाकायदा जांच के आदेश दे दिए हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन शिकायतों की जांच के आदेश दिए जिनमें कुछ किसानों को एक रुपये से भी कम के फसल बीमा दावे मिलने की बात कही गई थी. यह सवाल उठाते हुए कि क्या बीमा कंपनियां किसानों के साथ ‘मज़ाक’ कर रही हैं. चौहान ने जोर देकर कहा कि फसल नुकसान के ऐसे दावों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बीमा कंपनियों से नुकसान का उचित आकलन करने का भी आग्रह किया है.
एकमुश्त भुगतान का आदेश
कृषि मंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन और बीमा दावों से संबंधित किसानों की शिकायतों की समीक्षा की. शिकायतों की गहन जांच के आदेश देते हुए चौहान ने बीमा कंपनियों से दावों का शीघ्र और एकमुश्त निपटान करने को भी कहा. चौहान ने कड़े शब्दों में कहा कि बीमा कंपनियों द्वारा एक रुपये, तीन रुपये, पांच रुपये या 21 रुपये का फसल बीमा दावा देना किसानों के साथ मजाक करने जैसा है. सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी.
कृषि मंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के कार्यान्वयन और बीमा दावों से संबंधित किसानों की शिकायतों की समीक्षा की. शिकायतों की गहन जांच के आदेश देते हुए चौहान ने बीमा कंपनियों से दावों का शीघ्र और एकमुश्त निपटान करने को भी कहा. चौहान ने कड़े शब्दों में कहा कि बीमा कंपनियों द्वारा एक रुपये, तीन रुपये, पांच रुपये या 21 रुपये का फसल बीमा दावा देना किसानों के साथ मजाक करने जैसा है. सरकार ऐसा कभी नहीं होने देगी.
योजना के निमयों में बदलाव का आदेश
फसलों की क्षति से होने वाले नुकसान का सही आकलन सुनिश्चित करने के लिए चौहान ने अधिकारियों को पीएमएफबीवाई योजना के प्रावधानों में आवश्यक बदलाव करने और किसी भी विसंगति को दूर करने का निर्देश दिया है. मंत्री ने महाराष्ट्र के कुछ किसानों से वर्चुअल तरीके से बातचीत भी की और उपस्थित अधिकारियों से उनकी शिकायतों का समाधान करने को कहा. साथ ही योजना की जानकारी किसानों तक पहुंचाने का भी निर्देश दिया है.
फसलों की क्षति से होने वाले नुकसान का सही आकलन सुनिश्चित करने के लिए चौहान ने अधिकारियों को पीएमएफबीवाई योजना के प्रावधानों में आवश्यक बदलाव करने और किसी भी विसंगति को दूर करने का निर्देश दिया है. मंत्री ने महाराष्ट्र के कुछ किसानों से वर्चुअल तरीके से बातचीत भी की और उपस्थित अधिकारियों से उनकी शिकायतों का समाधान करने को कहा. साथ ही योजना की जानकारी किसानों तक पहुंचाने का भी निर्देश दिया है.
कैसे काम करती है योजना
यह योजना खरीफ फसल चक्र के लिए साल 2016 से शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक सभी अपरिहार्य प्राकृतिक जोखिमों के विरुद्ध किसानों की फसलों के लिए व्यापक जोखिम कवच सुनिश्चित करने और एक किफायती फसल बीमा उत्पाद प्रदान करके कृषि उत्पादन को समर्थन देना था. योजना के तहत किसानों को बेहद मामूली प्रीमियम के भुगतान पर फसलों का बीमा मिलता है. किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, आग या सूखे की वजह से फसलों को नुकसान होने पर बीमा कंपनियां इसकी भरपाई करती हैं.
यह योजना खरीफ फसल चक्र के लिए साल 2016 से शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक सभी अपरिहार्य प्राकृतिक जोखिमों के विरुद्ध किसानों की फसलों के लिए व्यापक जोखिम कवच सुनिश्चित करने और एक किफायती फसल बीमा उत्पाद प्रदान करके कृषि उत्पादन को समर्थन देना था. योजना के तहत किसानों को बेहद मामूली प्रीमियम के भुगतान पर फसलों का बीमा मिलता है. किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, आग या सूखे की वजह से फसलों को नुकसान होने पर बीमा कंपनियां इसकी भरपाई करती हैं.
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