भारत में विरासत कर को लेकर खुली चर्चा होनी चाहिए। सैम पित्रोदा के इस बयान ने कांग्रेस पार्टी को भले मुसीबत में डाल दिया हो लेकिन इससे गूगल सर्च में वह छाए हुए हैं। गूगल पर भारत में विरासत कर और सैम पित्रोदा को लेकर लाखों सर्च आए हैं। हाल ये है कि पिछले 20 साल में ‘भारत में विरासत कर’ के नाम से इतना सर्च नहीं आया जितना कि पिछले दो दिन में आ गया है। इसके साथ ही सैम पित्रोदो को लेकर भी पिछले 5 साल में गूगल पर सबसे अधिक सर्च किया गया है।
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ये था मामला
कांग्रेस के सलाहकारों में शुमार सैम पित्रोदा ने बयान दिया था था कि अमेरिका के कानून में विरासत कर का प्रावधान है। इसमें व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी निजी संपत्ति के 50 फीसदी से अधिक हिस्से पर सरकार का हक होता है। इसे लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है।
क्या है विरासत कर
भारत में किसी व्यक्ति की चाहे खुद की बनाई हुई संपत्ति हो या फिर पैतृक संपत्ति हो उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पर कानूनी रूप से उसके बच्चों या परिवारीजनों में वितरित हो जाती है। बिना किसी सरकारी विवाद के ये संपत्ति उत्तराधिकारी के नाम ट्रांसफर हो जाती है। लेकिन अमेरिका समेत कुछ देशों में इस संपत्ति पर भी इनहेरिटेंस टैक्स यानी विरासत कर लगता है। इसमें मृत्यु के बाद कुल संपत्ति पर 45 फीसदी आपके बच्चों या उत्तराधिकारी का हक होता है जबकि बाकी 55 फीसदी पर सरकार का हक होता है। पित्रोदा ने इस कानून की वकालत करते हुए इसपर भारत में भी चर्चा करने के लिए कहा था। इस बयान के बाद से बवाल मचा हुआ है।
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भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना
विरासत कर को लेकर पीएम मोदी समेत तमाम भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार की मंशा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस पर जनता की निजी संपत्ति को हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए जमकर बयानबाजी की जा रही है।
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