लखनऊ: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ कुछ उपद्रवी तत्व अपने मंसूबों को कामयाब करने की साजिश में जुट गए हैं। इसको लेकर सुरक्षा बल सक्रिय हैं। एटीएस ने अयोध्या तीन संदिग्धों को पकड़ा है। इसमें से एक राजस्थान का गैंगस्टर शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद है, जो खालिस्तानी आतंकी संगठन एसएफजे से जुड़ा है। तीनों की गिरफ्तारी के बाद प्रतिबंधित संगठन एसएफजे के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने सीएम योगी आदित्यनाथ को धमकी भी दी है। डीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि गुरुवार को एटीएस और सुरक्षा एजेंसियों की टीमों ने एक संदिग्ध गाड़ी चिह्नित की थी। इस गाड़ी में सवार लोग संवेदनशील जगहों पर जा रहे थे। त्रिमूर्ति होटल के पास हरियाणा के नंबर वाली संदिग्ध गाड़ी की घेराबंदी कर एटीएस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। संदिग्धों की पहचान राजस्थान के सीकर निवासी शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद, प्रदीप पुनिया और झुंझनू निवासी अजीत कुमार शर्मा के रूप में हुई।
जेल में संपर्क में आया शंकर
शंकर लाल के खिलाफ राजस्थान में हत्या, लूट समेत सात मामले दर्ज हैं। इसमें वर्ष 2011 में बीकानेर के गंगाशहर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामकृष्ण सिहाग की हत्या का मामला भी है। शंकर 21 मार्च 2016 से 15 मई 2023 तक बीकानेर जेल में रहा। इसी दौरान उसकी मुलाकात लखबिंदर से हुई। जिसने उसे अपने भांजे पम्मा का नंबर दिया।
पम्मा ने शंकरलाल को कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक, गैंगस्टर सुखविंदर गिल उर्फ सुखडोल सिंह गिल का नंबर दिया। सुक्खा गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का विरोधी गैंग हैं। उसने शंकर से लॉरेंस से बदला लेने में मदद करने को कहा। इस बीच सितंबर 2023 में कनाडा में सुक्खा की हत्या हो गई ।
श्रीराम का झंडा लगाकर कर रहे थे रैकी
शंकर ने एटीएस को बताया कि विदेश में रह रहे खालिस्तानी समर्थक हरमिन्दर सिंह उर्फ लांडा ने उसको गुरपतवंत सिंह पन्नू के कहने पर अयोध्या की रैकी करने को कहा था। शंकर के मुताबिक पन्नू ने उससे अयोध्या के प्रमुख स्थानों की फोटो, नक्शे व अन्य जानकारियां भेजने को कहा था। साथ ही उससे अगले निर्देश तक वहां रुकने और बड़ी वारदात अंजाम देने के लिए सामान भेजने की बात भी कही थी। सुरक्षाकर्मियों व पुलिस की नजर में आने से बचने के लिए ये लोग गाड़ी में श्रीराम का झंडा लगाकर घूम रहे थे।
शंकर राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजेन्द्र जाट उर्फ राजू ठेहट का करीबी था। राजू के मारे जाने के बाद गैंग की कमान शंकर ही संभाल रहा था। वह अवैध कमाई के जरिए दूसरों के नामों से मेघालय में माइनिंग व राजस्थान में ट्रांसपोर्ट का काम कर रहा था। उसने पकड़े गए दो अन्य के बारे में बताया कि वह उन्हें अपनी मदद के लिए अयोध्या लाया था।
विदेशी नंबरों से आने लगे धमकी वाले फोन
शंकर और उसके साथियों को हिरासत में लिए जाते ही मीडियाकर्मियों और अधिकारियों के फोन पर विदेशी नंबर से धमकी भरे कॉल्स आने लगे। डीजी एलओ ने बताया कि इन कॉल्स की पड़ताल करवाई जा रही है। ये कहां से आईं और इन्हें किसने करवाया। एटीएस को शंकर के दो आईडी वाले आधार कार्ड, धर्मवीर महाला के नाम से लिया गया सिम कार्ड, गाड़ी से जुड़े फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। एटीएस के थाने में केस दर्ज कर संगठन से जुड़े अन्य लोगों की तलाश शुरू हो गई है।