राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षाओं को लेकर नए सिस्टम को लागू करने की कवायद प्रारंभ की है। यह सिस्टम हाइब्रिड मोड पर होगा। यानी ना पूरी तरह से ऑनलाइन रहेगा और ना ही पूरी तरह से ऑफलाइन होगा। इस नए सिस्टम का आधा पार्ट ऑनलाइन रहेगा तो आधा पार्ट ऑफलाइन होगा।
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भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए के लिए बोर्ड प्रयास कर रहा है कि अभ्यर्थियों को पेपर तो ऑनलाइन दिया जाए। जबकि अभ्यर्थी को आंसर वर्तमान की तरह ऑफलाइन ही देना होगा।
बोर्ड इस हाइब्रिड सिस्टम को ऐसी भर्ती में लागू करने की कवायद कर रहा है जिसमें अभ्यर्थियों की संख्या 20 हजार से कम रहती है। बोर्ड का कहना है कि विद्यार्थियों को परीक्षा से ठीक पहले सर्वर के जरिए पेपर उपलब्ध होगा। इसमें स्ट्रांग रूम में पेपर भेजने व वहां से परीक्षा केंद्र पर पेपर भेजने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। इस दौरान ही सबसे अधिक पेपर लीक की संभावना रहती है। ऑनलाइन एग्जाम में कई बार यह शिकायत रहती है कि रिमोट एक्सेस से कई बार कोई इसको हैक कर लेता है और वह आंसर दे देता है।
इसको रोकने के लिए सवालों के जवाब ओएमआर शीट पर ऑफलाइन की भराए जाएंगे। सीईटी के बाद होने वाली मुख्य परीक्षा में लागू हो सकता है सिस्टम चयन बोर्ड की परीक्षाओं में वैसे तो लाखों अभ्यर्थी शामिल होते हैं। लेकिन जो भर्तियां सीईटी के जरिए होती है, उनमें यह सिस्टम लागू करने की संभावना अधिक है। सीईटी के जरिए होने वाली कई भर्तियां ऐसी है जिसमें पदों की संख्या कम रहती है। ऐसी भर्तियों में सीईटी के अंकों के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिए पात्र घोषित अभ्यर्थियों की संख्या भी कम ही रहती है। इसलिए बोर्ड पहले चरण में इस तरह की भर्तियों में हाइब्रिड सिस्टम लागू कर सकता है।