Rajasthan Paper Leak Case: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान पेपर लीक केस में बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने पेपर लीक मामले के आरोपी बाबूलाल कटारा को निलंबित कर दिया है. दरअसल, राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 317 के उपबंध (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति की तरफ से उच्चतम न्यायालय को निर्देश किए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
मई 2023 में हुई थी हटाने की शिफारिश
जानकारी के अनुसार वरिष्ठ शिक्षक भर्ती-2022 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के खिलाफ राजस्थान राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए पद से हटाने की सिफारिश की थी. जिसपर आज कार्रवाई हो गई है. प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि राजनीतिक-प्रशासनिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि भ्रष्टाचार के मामले में संवैधानिक आयोग के किसी सदस्य को हटाने की कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसके लिए सिफारिश की थी.
तीन साल पहले बनाया बनाया था मेंबर
बाबूलाल कटारा अक्टूबर 2020 में आरपीएससी मेंबर का मेंबर बना था. बाबूलाल कटारा डूंगरपुर के मालपुर का रहने वाला है. श्री भोगीलाल पंडया राजकीय महाविद्यालय डूंगरपुर से बाबूलाल कटारा ने कॉलेज शिक्षा पूरी की है. बाबूलाल कटारा ने अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में अपनी राजकीय सेवा की शुरुआत की थी. उसके बाद से ये सांख्यिकी विभाग में सेवाएं दी थी. बाबू लाल आरपीएससी मेंबर बनने से पहले टीआरआई में निदेशक के रूप में पांच साल काम किया है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार के करीबी रहने के कारण इन्हें आरपीएससी सदस्य के पद पर नियुक्ति मिली थी. इसलिए इस कार्रवाई को बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है.