प्रदेश के बड़े बांधों में शामिल बीसलपुर बांध कभी भी छलक सकता है। इससे पहले बांध 2022 में ओवरफ्लो हुआ था। बांध पर प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है। बीसलपुर डेम के सभी 18 गेटों का अधिकारियों ने निरीक्षण कर लिया है तथा ओवरफ्लो होने की स्थिति में सभी आवश्यक व आपातकालीन इंतजाम चाक चौबंद किये जा रहे हैं। किसी भी स्थिति के मद्देनजर बांध से जुड़े क्षेत्रों में लोगो से सावधान रहने को कहा जा रहा है।
बांध में बीते 10 घण्टों में 13 सेमी पानी की आवक बढ़ी है। इससे आज बुधवार सुबह 6 बजे डेम का जलस्तर बढ़कर आरएल 314.82 मीटर हो गया है, जो आरएल 315.50 मीटर के आंकड़े से महज 68 सेमी दूर है। उधर, बीगोद के यहां बांध में जल आवक के प्रमुख स्रोत त्रिवेणी पर सुबह पानी का बहाव फिर तेज हो गया है। यहां कल बहाव का स्तर 2.90 मीटर था, जो आज सुबह 6 बजे बढ़कर 3.10 मीटर हो गया है। साथ ही बांध के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश का दौर फिर शुरू हो चुका है।
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मौसम विभाग ने बुधवार को टोंक, सवाईमाधोपुर समेत कई जिलों में बारिश का “येलो अलर्ट” जारी किया है। इस चेतावनी के अनुसार बांध के जलग्रहण क्षेत्र से जुड़े कई इलाकों में मध्यम व भारी वर्षा होने की संभावना है। इन इलाकों में मंगलवार को भी रात भर रह रहकर बारिश का दौर चला हैं। इन इलाकों का सारा पानी बहकर बीसलपुर बांध में जमा होना है। इस हिसाब से बांध के लबालब होने की स्थिति ज्यादा दूर दिखाई नहीं पड़ती।
बीसलपुर नियंत्रण केंद्र की सूचना के मुताबिक अब तक पूर्ण जलभराव बिंदु आरएल 315.50 मीटर तक 38.70 टीएमसी के मुकाबले 33.948 टीएमसी पानी का संग्रहण हो चुका है। अब बांध को छलकने के लिए 68 सेमी पानी और चाहिए। बीते 24 घण्टों के दौरान डेम पर 115 व अब तक कुल 1063 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
यदि सबकुछ अनुमान के मुताबिक रहा तो इस बार बीसलपुर बांध सातवीं बार छलकेगा, मगर यह पहली बार होगा जब बांध सितम्बर माह में ओवरफ्लो होगा। इससे पहले हर बार बांध अगस्त माह में ही ओवरफ्लो हुआ है। 2006 के बाद ऐसा एक बार ही हुआ है, जब बांध को फिर से भरने में 8 साल का लंबा अरसा लगा और यह 2014 में जाकर ओवरफ्लो हुआ। अन्यथा यह बांध औसतन दो या तीन साल में भरता रहा है।