गहलोत सरकार के नवगठित जिले और संभागों का खत्म करने के भजनलाल सरकार के फैसल का बीजेपी में भी विरोध शुरू हो गया है। अनूपगढ़ जिला समाप्त किए जाने के बाद अनूपगढ़ नगर मंडल अध्यक्ष समेत पदाधिकारियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। साथ में उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की भी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से लेकर विधानसभा तक में उठाने की तैयारी कर रही है।
राठौड़ ने कहा कि गहलोत अगर सत्ता में लौटते तो वो खुद भी इन सभी जिलों को नहीं रखते। क्योंकि रामलुभाया कमेटी ने तो गहलोत को 40 से 41 जिले बनाने की ही सिफारिश की थी, लेकिन गहलोत ने विधायकों के दवाब में जिलें रेवड़ियों की तरह बांट दिए।
दूसरी तरफ जिन जिलों को खत्म किया गया है, वहां के बीजेपी विधायक और नेताओं की तरफ से भी इस निर्णय की तारीफ नहीं की गई। इनमें डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा का जिला दूदू भी शामिल है। दूदू को लेकर सबसे ज्यादा विवाद रहा था। यह राजस्थान का सबसे छोटा जिला था। दूदू जिले में दूदू, मौजमाबाद और फागी उपखंड के साठ ग्राम पंचायतों के 241 गांव शामिल थे। जिला घोषित करने के समय जिनकी आबादी 3 लाख 12 हजार 857 बताई गई। जबकि बीजेपी ने नए जिलों में न्यूनतम आबादी क्राइटेरिया करीब 10 लाख रखा है।नए जिलों के गठन से पूर्व राजस्थान में हर जिले की औसत आबाादी 35.42 लाख व क्षेत्रफल 12,147 वर्ग किलोमीटर था (हालांकि त्रिपुरा राज्य का क्षेत्रफल 10,492 वर्ग किलोमीटर, गोवा राज्य का क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किलोमीटर, दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश का क्षेत्रफल 1,484 वर्ग किलोमीटर है) जबकि नए जिले बनने के बाद जिलों की औसत आबादी 15.35 लाख व क्षेत्रफल 5268 वर्ग किलोमीटर हो गया था।
2023 तक राजस्थान से कम जनसंख्या, क्षेत्रफल एवं अधिक जिले वाले राज्य
मध्य प्रदेश-जनसंख्या- 7.2 करोड़- जिले-55
छत्तीसगढ़-जनसंख्या-1.55 करोड़- जिले- 33
गुजरात-जनसंख्या-6 करोड़-जिले-33
अरुणाचल प्रदेश-जनसंख्या- 1.3 करोड़-जिले-27
ओडिशा-जनसंख्या-4.19 करोड़-जिले-30
गहलोत बोले भाजपा के तर्क अनुचित, जिन जिलों को खत्म किया वहां जाऊंगा
राजस्थान में जैसलमेर की आबादी भी 5 लाख
परिस्थितियों के आधार पर जिलों की आबादी में भी अंतर होना स्वभाविक है जैसे उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिले की आबादी करीब 60 लाख है जबकि चित्रकूट जिले की आबादी 10 लाख है। परन्तु सरकार के लिए प्रशासनिक दृष्टि से छोटे जिले ही बेहतर लगते हैं। गहलोत ने कहा कि सरकार की तरफ से एक तर्क यह दिया जा रहा है कि एक जिले में कम से कम 3 विधानसभा क्षेत्र होने चाहिए जबकि भाजपा द्वारा 2007 में बनाए गए प्रतापगढ़ मे परिसीमन के बावजूद भी केवल दो विधानसभा क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जहां कम दूरी का तर्क दिया जा रहा है वो भी आश्चर्यजनक है क्योंकि डीग की भरतपुर से दूरी केवल 38 किमी है जिसे रखा गया है परन्तु सांचौर से जालोर की दूरी 135 किमी एवं अनूपगढ़ से गंगानगर की दूरी 125 किमी होने के बावजूद उन जिलों को रद्द कर दिया गया।
गहलोत बोले हमने घोषणा के साथ बजट भी दिया