राजस्थान में 1 जुलाई से क्रिमिनल कानून में बदलाव होने के साथ ही सरकारी स्कूलों में भी एक बड़ा परिवर्तन हुआ हैं। इसके तहत अब सरकारी स्कूलों में टीचर एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने निर्देश जारी किए थे। इस आदेश का शिक्षक संघ ने भी समर्थन किया। शिक्षा मंत्री का मानना है कि एंड्रॉयड फोन पर बैन लगने से शिक्षकों की कार्य क्षमता बढ़ेगी और शिक्षक स्टूडेंट को पूरा समय दे पाएंगे, क्योंकि फोन के चक्कर में शिक्षक बच्चों पर उतना ध्यान नहीं देते हैं।
1 जुलाई से टीचर स्कूलों में नहीं चला पाएंगे एंड्रॉयड फोन
स्कूलों में एंड्रॉयड फोन के यूज पर बैन लगाने के पीछे शिक्षा मंत्री का मानना है कि स्कूलों में टीचर्स बच्चों पर ध्यान नहीं देकर केवल फोन में लगे रहते हैं। इसके कारण बच्चों का एजुकेशन लेवल गिरता जा रहा हैं। हालांकि, इससे पहले भी 2012, 2015 और 2018 में शिक्षा निदेशक ने स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगाया था। अब फिर से मंत्री दिलावर ने इस पर बैन लगा दिया है। स्कूल समय अवधि के दौरान टीचर्स फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसको लेकर विभिन्न शिक्षक संघ ने भी शिक्षा मंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है।
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कंप्यूटर के अभाव में फोन से होती थी डाटा फीडिंग
शिक्षा मंत्री का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में बच्चों का एजुकेशन लेवल बढ़ाना है। सरकारी टीचर्स के भी काम करने की क्षमता में विकास किया जा सके इसीलिए आज से शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में एंड्रॉयड फोन के इस्तेमाल पर बैन लगाया है, लेकिन इस आदेश के साथ एक पेचिदगी है। इसमें प्रदेश के कई हजारों स्कूल हैं जिनके पास कंप्यूटर और इंटरनेट नहीं है। ऐसी स्थिति में वहां के टीचर एंड्रॉयड फोन के जरिए शिक्षा विभाग को भेजे जाने वाले आंकड़े फीड करते हैं। ऐसे में अब उन स्कूलों के सामने यह समस्या खड़ी हो जाएगी कि अब टीचर्स आंकड़ों को कैसे शिक्षा विभाग तक पहुंचाएंगे?
शिक्षक संघ का मानना अनावश्यक कार्यों से मिलेगी मुक्ति
शिक्षा मंत्री की ओर से मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बैन करने के निर्णय का राजस्थान शिक्षक संघ ने भी समर्थन किया है। शिक्षकों का कहना है कि मोबाइल बैन होने से टीचर्स को अनावश्यक कार्यों से मुक्ति मिलेगी, उनका कहना है कि टीचर्स का मुख्य काम पढ़ाई करवाना है, लेकिन कई प्रकार की योजनाओं में उलझ कर टीचर बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं। उनका अधिकतर समय सरकारी बाबू बनने में ही बीत जाता है। ऐसे में मोबाइल बैन होने से स्कूल टीचर्स की कार्य क्षमता बढ़ेगी, साथ में बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा।